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राजनाथ सिंह ने समान नागरिक संहिता को बताया संविधान का हिस्सा, बोले – इस मुद्दे पर विवाद बेवजह

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देहरादून, 19 जून। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को संविधान का हिस्सा करार देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर बेवजह विवाद खड़ा किया जा रहा है। उन्होंने उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सोमवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड हमारे देश के संविधान का हिस्सा है। इस पर विवाद क्यों? गोवा में यह पहले से ही लागू है। मैं बधाई देता हूं मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी को, जिन्होंने इस दिशा में पहल की है। अब विधि आयोग इस बारे में पूरे देश में राय ले रहा है।’

देश की प्रगति अब राम भरोसे नहीं छोड़ी जा सकती, हमे पुरुषार्थ से खुद करनी होगी

राजनाथ सिंह ने कहा, ‘देश की प्रगति अब राम भरोसे नहीं छोड़ी जा सकती, अब देश की प्रगति हमें पुरुषार्थ से खुद करनी होगी। 2047 तक विकसित भारत का निर्माण करना है। हम मजबूत डेमोक्रेसी लाना चाहते हैं। अब यहां धर्म और जात के आधार पर काम नहीं होता। ये स्वर्णिम भारत है। हम भारत का केवल आर्थिक विकास नहीं करना चाहते बल्कि सामाजिक विकास भी करना चाहते हैं। हम समाज के सभी वर्गों के बीच सामाजिक सौहार्द चाहते हैं। हम पूरे समाज को साथ लेकर चलना चाहते हैं। कई बार आगे बढ़ते भारत को देख राष्ट्रविरोधी ताकतें सक्रिय हो जाती हैं। उनसे सावधान रहने की जरूरत है।’

आत्मनिर्भर भारत का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘रक्षा उत्पादन देश में एक लाख करोड़ के पार हो गया है। पहले रक्षा निर्यात एक हजार करोड़ से भी कम था, अब निर्यात 16000 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर है। जल्द ही देश में रक्षा निर्यात 20000 करोड़ रुपये के पार हो जाएगा। मॉर्गन स्टेनली  के अनुसार 2027 तक भारत पांच ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।’

उत्तराखंड में बुनियादी ढांचे के विकास पर भाजपा सरकारों का बड़ा फोकस

उत्तराखंड में चल रही विकास परियोजनाओं का जिक्र करते हुए राजनाथ ने कहा, ‘उत्तराखंड में बुनियादी ढांचे के विकास पर भाजपा सरकारों का कितना बड़ा फोकस है, उसका पता इसी बात से चलता है कि साल 2014 में उत्तराखंड में रेलवे का बजट था मात्र 200 करोड़, जो आज बढ़कर 5000 करोड़ रुपये हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड को नौ महत्वाकांक्षी परियोजनाएं दी हैं, जिन्हें उन्होंने नवरत्न का नाम दिया है। इन नवरत्न परियोजनाओं पर आज काम तेजी से चल रहा है। उदाहरण के लिए ऋषिकेश-कर्ण प्रयास रेल परियोजना का काम चल रहा है। इसी तरह टनकपुर-बागेश्वर रेलवे लाइन का भी काम शुरू हो रहा है।’