लखनऊ, 31 मई। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की अगुआई वाली भाजपा सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण को राज्य का नया पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया है। यह घटनाक्रम निवर्तमान डीजीपी प्रशांत कुमार की सेवानिवृत्ति के बाद हुआ है, जिन्हें सेवा विस्तार देने से इनकार कर दिया गया था।
राज्य के सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों में से एक 56 वर्षीय राजीव कृष्ण अब उत्तर प्रदेश के पुलिस प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालेंगे। वह जून, 2029 में रिटायर होंगे। अब बीच में कोई उलटफेर नहीं हुआ तो राजीव कृष्ण की देखरेख में ही अब यूपी में अगले वर्ष पंचायत चुनाव और वर्ष 2027 में विधानसभा चुनाव होंगे।
1991 बैच के यूपी कैडर के वरिष्ठ आईपीएस हैं राजीव कृष्ण
राजीव कृष्ण 1991 बैच के यूपी कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं। वह वर्तमान में यूपी पुलिस में डीजी के पद पर तैनात हैं और डीजी विजिलेंस के पद पर कार्यरत थे। वह 2004 में आगरा में एसएसपी के पद पर चर्चा में रहे थे। आगरा एसएसपी रहते हुए उन्होंने अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया था।
राजीव कृष्ण ने बीहड़ों में सक्रिय अपहरण गिरोहों के खिलाफ भी प्रभावी काररवाई की थी। सात अगस्त, 2007 को उन्हें डीआईजी के पद पर पदोन्नत किया गया। नौ नवम्बर, 2010 को उन्हें आईजी के पद पर पदोन्नत किया गया। एक जनवरी 2016 को राजीव कृष्ण को एडीजी बनाया गया। इसके बाद पिछली एक फरवरी को उन्हें डीजी के पद पर पदोन्नत किया गया।
लखनऊ के ही रहने वाले हैं राजीव कृष्ण
लखनऊ के ही रहने वाले राजीव कृष्ण का जन्म 20 जून, 1969 को हुआ था। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने 1991 में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा पास की और आईपीएस अधिकारी के रूप में चयनित हुए।
यूपी में डीजीपी के ये आईपीएस दावेदार थे
यूपी में प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार न मिलने पर वर्ष 1990 बैच के आईपीएस डीजी होमगार्ड बीके मौर्या, एमके बशाल, दलजीत चौधरी, रेणुका मिश्रा, आलोक शर्मा डीजीपी पद के दावेदार थे। फिलहाल सीएम योगी ने इन सारे अधिकारियों के बारे में विचार-विमर्श करने के बाद राजीव कृष्ण को डीजीपी बनाए जाने पर अपनी सहमति जताई।

