उदयपुर, 29 जुलाई। हरियाली अमावस पर पिकनिक मनाने और घूमने निकले युवाओं ने जान जोखिम में डालकर ट्रेन का सफर किया। खचाखच भरी ट्रेन में जगह नहीं मिलने पर युवा ट्रेन की छत पर चढ़ गए। यह रेलवे मार्ग पूरी तरह से घाट सेक्शन है, जहां बारिश में चट्टाने गिरने की भी आशंका बनी रहती है। रेलवे का यह मार्ग मीटर गेज यानी छोटी पटरी है, जिसके आमान परिवर्तन को लेकर आंदोलन जारी है।
राजसमंद जिले में गोरम घाट और खामली घाट जो अरावली पर्वतमाला के बीच स्थित है, यहां बारिश में पहाड़ों से झरने गिरते हैं और चारों ओर हरियाली है। इस खूबसूरत नजारे को देखने के लिए पर्यटक यहां जोखिम उठाकर पहुंचते हैं। गुरुवार को हरियाली अमावस के मौके पर यहां मेले जैसा माहौल रहता है। उदयपुर, राजसमंद, पाली, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा और अजमेर के लोग यहां बड़ी तादाद में पहुंचते हैं।
- लगाए गए थे अतिरिक्त कोच
मावली से मारवाड़ तक चलने वाली इस ट्रेन में रेलवे की ओर से गुरुवार को दो अतिरिक्त कोच सहित कुल 7 कोच लगाए गए थे। जिनमें से 5 कोच में प्रत्येक में 72 सवारी की क्षमता थी। दो कोच में 24-24 सवारी के बैठने की जगह थी। 400 सवारी के बैठने की जगह होने के बावजूद ट्रेन में बड़ी तादाद में लोग सवार हो गए।
- सिर्फ एक घंटे की मस्ती
हादसे की आशंका के चलते खामलीघाट स्टेशन पर पुलिस के जवानों ने यात्रियों को ट्रेन के इंजन से नीचे उतारा। ट्रेन के डिब्बों पर लोग बैठे रहे। गोरमघाट पहुंचने के बाद पर्यटकों को रुकने व सैर-सपाटे के लिए 1 घंटे का ही समय मिला। बाद में ट्रेन आ गई और टूरिस्ट्स को ट्रेन में बैठना ही पड़ा, क्योंकि आवागमन के लिए दूसरी कोई व्यवस्था नहीं है।