जयपुर, 17 मार्च। राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले अशोक गहलोत सरकार ने एक बड़ा दांव खेला है। वहीं इस फैसले को जनसंख्या से जोड़कर देखा जा रहा है। इस फैसले से उन्हें फायदा मिलेगा जिनको दो से अधिक बच्चे हैं। दरअसल, राजस्थान सरकार ने कर्मचारियों के प्रमोशन को लेकर एक बड़ा फैसला किया है। अब तीसरा बच्चा होने के बाद भी कर्मचारी को पदोन्नति मिल सकेगी।
गुरुवार को कार्मिक विभाग ने ये आदेश जारी कर दिए हैं। पहले ओपीएस और अब बच्चों के मामले में सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। यह आदेश 1 जून 2002 के बाद दो से ज्यादा बच्चे होने पर भी कर्मचारी-अधिकारी को पदोन्नति मिल सकेगी। ऐसे में प्रदेश के आठ लाख कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा।
इससे पहले सरकार ने ऐसे कर्मचारियों की पदोन्नति पर तीन साल तक रोक लगा रखी थी। इन्हें प्रमोशन और सैलरी बढ़ोतरी का फायदा तीन साल की देरी से मिल पाता था। राज्य में जब बीजेपी की सरकार थी और वसुंधरा राजे पहली बार मुख्यमंत्री बनी थी, तब साल 2004 में ये नियम लागू किया गया था। उस समय सरकार ने किसी भी राज्य कर्मचारी या अधिकारी के 1 जून 2002 के बाद तीसरा बच्चा होने पर प्रमोशन को रोकने का फैसला किया था।
- क्या था आदेश?
सरकारी कर्मचारी इसकी बहुत दिनों से मांग करते आ रहे थे। सरकार ने प्रमोशन समेत अन्य दूसरे लाभ पांच साल तक रोकने का फैसला किया था। दरअसल, इस फैसले के आने से किसी कर्मचारी को प्रमोशन 1 जनवरी 2005 में मिलना होता था तो उसे 1 जनवरी 2010 में दिया जाता था।
इस दौरान उनकी सिलेक्शन ग्रेड को भी रोक दिया जाता था। इससे कर्मचारियों को बहुत नुकसान होता था। अब इसमें बड़ा बदलाव किया गया है। वहीं राजनीतिक जानकारों का कहना है कि गहलोत सरकार ने चुनावी साल में सरकारी कर्मचारियों को रिझाने की तैयारी की है।