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राजस्थान : कमिश्नर से मारपीट, जयुपर ग्रेटर नगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर और 3 पार्षद निलंबित

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जयपुर, 7 जून। राजस्थान सरकार ने जयपुर ग्रेटर नगर निगम कमिश्नर यज्ञ मित्र सिंह के साथ मारपीट और धक्का-मुक्की करने के मामले में महापौर सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों – पारस जैन, शंकर शर्मा व अजय सिंह चौहान को दोषी मानते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। स्वायत्त शासन विभाग की ओर से निलंबन की कार्रवाई की गई है।

गौरतलब है कि बीवीजी कम्पनी के भुगतान और सफाई की वैकल्पिक इंतजाम के मुद्दे पर ग्रेटर महापौर सौम्या गुर्जर और कमिश्नर यज्ञ मित्र सिंह के बीच विवाद हुआ, जो देखते ही देखते मारपीट में तब्दील हो गया था।

विभागीय आदेश में महापौर कार्यालय कक्ष में आयुक्त नगर निगम जयपुर ग्रेटर के साथ मारपीट, धक्का-मुक्की करने, अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए राजकीय कार्य में बाधा डालने से संबंधित प्रकरण का जिक्र किया गया है। मामले की जांच कर रही क्षेत्रीय उपनिदेशक द्वारा राजस्थान नगरपालिका अधिनियम में वर्णित कृत्यों के लिए महापौर व तीन पार्षदों को पूर्णतया दोषी और उत्तरदायी माना है।

मेयर व पार्षदों के खिलाफ न्यायिक जांच का निर्णय

राज्य सरकार द्वारा आरोपितों के विरुद्ध राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 39(3) के अंतर्गत न्यायिक जांच कराए जाने का निर्णय लिया गया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि महापौर और पार्षदों पर आरोप गंभीर हैं। उनके पद पर बने रहने से न्यायिक जांच प्रभावित होने की पूरी आशंका है। इसलिए राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 39(6) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार ने महापौर सौम्या गुर्जर सहित तीनों पार्षदों को ग्रेटर निगम के पद से तुरंत प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी किया है।

मेयर ने कमिश्नर पर लगाया झूठ बोलने का आरोप

हालांकि मेयर का आरोप है कि उन्होंने क्षेत्रीय उपनिदेशक से विस्तृत जवाब देने के लिए पर्याप्त समय प्रदान करने की मांग की थी। लेकिन किसी तरह के प्रशासनिक/राजनीतिक दबाव के तहत खानापूर्ति कर उनके विरुद्ध तत्काल रिपोर्ट पेश की गई। महापौर ने शिकायतकर्ता कमिश्नर द्वारा प्रस्तुत शिकायत को मिथ्या बताने के साथ ही कहा कि शिकायतकर्ता स्वयं एक राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति के उपकरण के रूप में काम कर रहे हैं।

भाजपा ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना

इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने इस प्रकरण को लेकर प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ने ट्वीट के जरिए महापौर सौम्या गुर्जर और तीन भाजपा पार्षदों के निलंबन की कार्रवाई की निंदा की। पूनिया ने ट्वीट में लिखा, ‘विनाश काले विपरीत बुद्धि। इतिहास गवाह है देश में जून के महीने में ही आपातकाल लगा था और कांग्रेस के पतन की शुरूआत हुई थी। जयपुर ग्रेटर की मेयर और पार्षदों का निलंबन दुर्भाग्यपूर्ण तो है, लेकिन यही राजस्थान में कांग्रेस के पतन का कारण भी बनेगा। पार्टी हर तरीके से न्याय की लड़ाई लड़ेगी।’

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