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राजस्थान : आसाराम ने हाई कोर्ट से मांगी दो माह की अंतरिम जमानत

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जोधपुर, 10 मई। यौन उत्पीड़न के एक मामले में जोधपुर केंद्रीय कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम ने एक बार फिर राजस्थान उच्च न्यायालय में अंतरिम जमानत की अर्जी लगाई है। सोमवार को दिए गए आवेदन में उन्होंने कोविड-19 सहित अन्य बीमारियों का उपचार कराने के लिए दो महीने की अंतरिम जमानत मांगी है।

राजस्थान हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश देवेंद्र कच्छवाहा की खंडपीठ ने सरकारी अधिवक्ता अनिल जोशी को एम्स अस्पताल, जोधपुर से मेडिकल रिपोर्ट मंगाकर पेश करने के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट आने पर आसाराम के आवेदन पर 13 मई को सुनवाई होगी।

आसाराम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जगमालसिंह चौधरी और उनके सहयोगी प्रदीप सिंह चौधरी ने खंडपीठ के समक्ष पैरवी करते हुए कहा कि कोविड-19 सहित अन्य बीमारियों के उपचार के लिए याची जोधपुर से बाहर उच्च चिकित्सा केंद्र में जाना चाहता है, जिसके लिए उसे दो माह की अंतरिम जमानत दी जाए।

गौरतलब है कि केंद्रीय कारागार में तबीयत बिगड़ने पर आसाराम को पिछले हफ्ते महात्मा गांधी अस्पताल ले जाया गया था। वहां जांच में कोरोना संक्रमित पाए जाने और फेफड़ों में संक्रमण को देखते हुए उन्हें जोधपुर एम्स शिफ्ट कर दिया गया था, जहां अभी उनका उपचार चल रहा है। लेकिन आसाराम जोधपुर से बाहर हायर सेंटर पर उपचार करवाना चाहते हैं।

प्रार्थना पत्र में आसाराम की ओर से कहा गया कि वह अपनी बीमारियों का उपचार आयुर्वेद के जरिए कराना चाहते हैं, जिसके लिए राजस्थान में कोई उपयुक्त चिकित्सा केंद्र नहीं है। आवेदन के अनुसार आसाराम हरिद्वार-ऋषिकेश में स्थित आयुर्वेद केंद्र पर उपचार कराना चाहते हैं।

स्मरण रहे कि अपने आश्रम की एक शिष्या के यौन उत्पीड़न के आरोप में आसाराम को जोधपुर की पॉक्सो अदालत ने 25 अप्रैल, 2018 को आसाराम को प्राकृतिक मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उनके साथ उनके सहयोगियों – शिल्पी और शरद को 20-20 साल की सजा हुई थी। उच्च न्यायालय ने शरद और शिल्पी की सजा स्थगित करते हुए उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया था,  लेकिन आसाराम की सजा स्थगन याचिका पर अब तक सुनवाई पूरी नहीं हो पाई है। इसी बीच वह दो बार अंतरिम जमानत के लिए आवेदन कर चुके हैं।

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