नई दिल्ली, 8 नवम्बर। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने एक तरफ जहां सूरत में वंदे भारत ट्रेन पर पथराव का आरोप लगाया है। वहीं रेलवे ने एआईएमआईएम के आरोप को खारिज कर दिया है।
ट्रेन की हाई-स्पीड के कारण उछल कर लगी थीं कुछ गिट्टियां
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम रेलवे की बड़ौदा जीआरपी के मुताबिक ट्रेन पर कोई पथराव नहीं हुआ था। हां, सिर्फ ट्रेन की हाई स्पीड के चलते कुछ गिट्टियां उछल कर ट्रेन के शीशे से जाकर टकरा गए थे। इससे ट्रेन के शीशे पर में दरार आ गई थी।
एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने लगाया था पथराव का आरोप
गौरतलब है कि असदुद्दीन ओवैसी सोमवार को गुजरात के चुनावी दौरे पर पहुंचे हुए थे। इस दौरान उन्होंने वंदे भारत ट्रेन में भी अपना सफर किया था। लेकिन इस दौरान पार्टी के नेता वारिस पठान ने दावा किया था कि कुछ लोगों ने वंदे भारत ट्रेन पर जमकर पथराव किया। मामले पर उनके आरोपों के अनुसार कुछ अज्ञात लोगों ने ट्रेन पर जोर से पत्थर मारकर इसका शीशा तोड़ दिया था।
आज शाम जब हम @asadowaisi साहब,SabirKabliwala साहब और @aimim_national की टीम अहमदाबाद से सूरत के लिए 'Vande Bharat Express' train में सफर कर रहे थे तब कुछ अज्ञात लोगों ने ट्रेन पर ज़ोर से पत्थर मारकर शीशा तोड़ दिया!#GujaratElections2022 pic.twitter.com/ZwNO2CYrUi
— Waris Pathan (@warispathan) November 7, 2022
एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा कि सोमवार शाम ट्रेन के सूरत पहुंचने से पहले घटना घटी, जहां ओवैसी को राज्य में अपने चुनाव प्रचार के तहत एक रैली को संबोधित करना था। उन्होंने दावा किया था, ‘असदुद्दीन ओवैसी साहेब, साबिर काबलीवाला साहेब, मैं और एआईएमआईएम के लोग वंदे भारत एक्सप्रेस में अहमदाबाद से सूरत जा रहे थे, तभी कुछ अज्ञात लोगों ने ट्रेन पर पत्थर फेंके और उसके कांच टूट गए।’
जीआरपी बोली – यह पथराव का मामला कतई नहीं
फिलहाल पश्चिम रेलवे की बड़ौदा जीआरपी के पुलिस अधीक्षक राजेश परमार ने मंगलवार को कहा कि भरूच जिले के अंकलेश्वर में पटरी के पास चल रहे इंजीनियरिंग के काम के कारण कुछ गिट्टियां ट्रेन की कांच की खिड़कियों में जाकर लगी थीं। उन्होंने कहा, ‘यह पथराव का मामला कतई नहीं है।’ उन्होंने यह भी कहा कि ओवैसी तो खुद खिड़की से दूर ही बैठे थे। ओवैसी के साथ सुरक्षा के लिए आरपीएफ के छह जवान और जीआरपी के तीन जवान उस कोच के चारों दरवाजों पर खड़े थे, जिसमें एआईएमआईएम चीफ यात्रा कर रहे थे।