नई दिल्ली 16 नवंबर। रेल मंत्रालय में सेकेंड क्लास से लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को बड़ी सहूलियत प्रदान करते हुए अब जनरल डिब्बों को भी वातानुकूलित यान में तब्दील करने की तैयारी कर ली है। ये नए इकोनॉमी एसी कोच आधुनिक तकनीक के साथ अधिकतम 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से भाग सकते हैं।
अगले माह मिल सकती है वातानुकूलित जनरल डिब्बों की सुविधा
गौरतलब है कि पीयूष गोयल से रेल मंत्री का पद भार संभालने के बाद अश्विनी वैष्णव ने यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाकर रेल यात्रा को ज्यादा लोकप्रिय और सुखद बनाने का संकल्प लिया था। उसी कड़ी ये कदम उठाए गए हैं।
पिछले ही माह दिल्ली-पटना रूट पर देश की पहली गति शक्ति एक्सप्रेस चलाई गई थी, जिसमें 83 बर्थ वाले नए इकोनॉमी थ्री एस कोच की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी और अब यदि सब कुछ अनुकूल रहा तो अगले महीने से वातानुकूलित जनरल डब्बों की भी शुरुआत भी जाएगी।
नए सेकेंड क्लास एसी कोच में 125 यात्री बैठ सकेंगे
रेल मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार अभी सेकेंड क्लास कोच की यात्री क्षमता लगभग 100 होती है। इन डिब्बों के निर्माण में करीब 2.24 करोड़ रुपये प्रति कोच खर्च बैठता है। वहीं, नए सेकेंड क्लास कोच में 100 से सवा सौ यात्री बैठ सकेंगे। नए कोच 130 किलोमीटर प्रति घंटा तक की स्पीड से दौड़ सकेंगे जबकि पुरानी चाल के नॉन-एसी कोच अधिकतम 110 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ही चल सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर काफी काम हो चुका है। इन कोचेज में सफर सस्ता होगा और उन यात्रियों का सफर आसान हो जाएगा, जो वातानुकूलित यान में सफर करने के लिए महंगे टिकट नहीं खरीद सकते। दूसरे शब्दों में कहें तो ऐसे यात्री गरीब रथ जैसा किराया देकर जनरल कोच में सफर कर सकते हैं।
आरसीएफ, कपूरथला में बनाए जा रहे ऐसे कोच
पूरी तरह रिजर्व सीटों वाले कंपार्टमेंट सेंसरयुक्त ऑटोमेटिक खुलने बंद होने वाले दरवाजों से लैस होंगे। फर्स्ट एसी से लेकर जनरल क्लास एसी तक ये डिब्बे पंजाब के कपूरथला की
गौरतलब है कि रेलवे ने वर्ष 2016 में जनरल सेकेंड क्लास कोच को अपग्रेड कर अनारक्षित श्रेणी के यात्रियों के लिए दीन दयालु कोच की शुरुआत की थी। दीन दयालु कोच में यात्रियों को लगेज रैक, पैडेड सीट, कोच हुक, आक्वा गार्ड स्टाइल वाला वॉटर फिल्टरेशन सिस्टम, बायो टॉयलेट, अधिक मोबाइल चार्जिंग प्वॉइंट, टॉयलेट बिजी होने वाले इंडिकेटर, पानी के लेवल का इंडिकेटर जैसी सुविधाएं दी गई थीं।