नई दिल्ली, 26 जुलाई। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद के मॉनसून सत्र के दौरान बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि वंदे भारत ट्रेनों पर पत्थर फेंके जाने की घटनाओं से रेलवे को 2019 से अब तक 55 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
पत्थरबाजी की घटनाओं में अब तक 151 लोगों की गिरफ्तारी
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पथराव की घटनाओं में शामिल रहने के मामले में 151 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक किसी घटना में किसी यात्री की जान जाने या किसी यात्री के सामान की चोरी या उसे हुए नुकसान की कोई घटना सामने नहीं आई है।
रेल मंत्री ने कहा, ‘वंदे भारत ट्रेनों पर पथराव की कुछ घटनाएं सामने आई हैं। वर्ष 2019, 2020, 2021, 2022 और 2023 (जून तक) के दौरान, पथराव की घटनाओं में वंदे भारत ट्रेनों को हुई क्षति के कारण भारतीय रेलवे को 55.60 लाख रुपये का नुकसान हुआ।’ उन्होंने कहा कि यात्रियों और रेलवे की संपत्ति की सुरक्षा के लिए रेलवे संरक्षा बल (आरपीएफ) जिला पुलिस और प्रशासन के साथ ‘ऑपरेशन साथी’ चला रहा है।
आए दिन सामने आ रहीं वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थरबाजी की घटनाएं
गौरतलब है कि रेलवे की तमाम कोशिशों के बाद भी वंदे भारत ट्रेन पर पथराव की घटनाओं में कोई कमी नहीं आ रही है। आज (26 जुलाई) ही उत्तर प्रदेश के आगरा में वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव हुआ। इसमें कोच के शीशे टूट गए। जानकारी पर आरपीएफ पहुंची, तब तक शरारती तत्व भाग चुके थे। घटना से यात्रियों में दहशत रही। यह गाड़ी संख्या 20171 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन कमलापति स्टेशन से निजामुद्दीन चलती है। मनिया और जादू स्टेशन के बीच अज्ञात लोगों ने ट्रेन पर पथराव कर दिया।
इससे पहले गत 19 जून को दिल्ली से देहरादून जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस पर मेरठ-मुजफ्फरनगर रेलवे ट्रैक के नारा जडोदा रेलवे स्टेशन से गुजरते समय पत्थरबाजी की गई थी। मई, 2023 में केरल में वंदे भारत पर पत्थर फेंके गए थे। 26 फरवरी, 2023 को मैसूर-चेन्नई वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थरबाजी हुई थी। आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले में गुदुर के पास भी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन पर पथराव हो चुका है। कुल मिलाकर देखें तो ऐसा कोई भी राज्य नहीं है, जहां रेलवे की इस खास ट्रेन पर पत्थर न फेंके गए हों। रेलवे ऐसी घटनाओं से परेशान है।