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‘ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर’ में छापेमारी, कम्पनी के आई ड्रॉप से अमेरिका में लोगों की आंखों को हो रहा नुकसान

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चेन्नई, 4 फरवरी। केंद्रीय ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन और तमिलनाडु के ड्रग कंट्रोलर ने चेन्नई स्थित ‘ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर’ में छापेमारी की है। छापेमारी की यह काररवाई उन खबरों के बाद की गई है, जिसमें बताया जा रहा है कि कम्पनी के एक उत्पाद एजरीकेयर आर्टिफिशियल टीयर्स आई ड्रॉप्स कारण अमेरिका में लोगों को संक्रमण हो रहा है और उनकी आंखों को नुकसान पहुंच रहा है। हालांकि मामले का संज्ञान लेते हुए कम्पनी ने अपने सारे उत्पाद बाजार से वापस मंगवा लिए हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्र और राज्य के अधिकारियों ने मिलकर फार्मा कम्पनी में शुक्रवार देर रात छापेमारी की। ‘ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर’ चेन्नई से 40 किलोमीटर दूर दक्षिण में स्थित है। कम्पनी पर कथित आरोप लगाया गया है कि इनके आई ड्रॉप को इस्तेमाल करने से अमेरिका के नागरिकों की आंखों को नुकसान पहुंच रहा है। आरोप है कि कई लोगों के आंखों की रोशनी तक इस आई ड्रॉप के इस्तेमाल से चली गई है और एक शख्स की मौत भी हुई है।

अमेरिका में आंखों से जुड़े 55 मामले आए सामने

भारतीय आई ड्रॉप कम्पनी को लेकर यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने दावा किया कि आंखों में संक्रमण, आंखों की रोशनी की हानि और यहां तक की रक्तप्रवाह संक्रमण से मौत के करीब 55 मामले सामने आए है। अमेरिका के स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी देते हुए कहा कि ‘ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर’ के आई ड्रॉप के इस्तेमाल से संक्रमण का खतरा है, जिससे उपयोग से अंधापन तक लोगों को हो सकता है। अमेरिका ने अपने नागरिकों को इसे उपयोग करने से मना किया है।

कम्पनी ने जारी किया बयान

ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर ने अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा कि वह इस उत्पाद के संबंध में अपने विक्रेताओं को सूचित कर रही है कि जिन थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं के पास दवाएं पहुंच गई हैं, उनसे आई ड्रॉप वापस मंगवाया जा रहे हैं। कम्पनी ने आग्रह किया है कि इस दवा को उपयोग कोई भी न करें। दरअसल, आर्टिफिशियल टीयर्स लुब्रिकेंट आई ड्रॉप्स का उपयोग जलन से बचाने या आंखों के सूखेपन को दूर करने के लिए किया जाता है।