Site icon hindi.revoi.in

छत्तीसगढ़ : चमत्कार का दूसरा नाम बना राहुल, 104 घंटे की कश्मकश के बाद 65 फीट गहरे बोरवेल से निकाला गया

Social Share

रायपुर, 15 जून। पांच दिन और चार रात के कुल मिलाकर 104 घंटे से भी ज्यादा वक्त तक अगर 10 वर्ष का एक बच्चा जमीन के 60-70 फीट नीचे रहने के बावजूद जिंदा बाहर निकल आए तो यह चमत्कार ही है।

छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा में कुछ ऐसा ही चमत्कार देखने को मिला, जब देश के इतिहास में सबसे लंबे अभियानों में से एक बचाव अभियान के बीच राहुल साहू नाम के मासूम को 65 फीट गहरे बोरवेल से जीवित निकालने में सफलता मिली।

10 जून को घर के पास बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे में गिरा था राहुल

गत 10 जून को दिन में अपने ही घर के पास बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे में घिरे राहुल को सरक्षित बाहर निकालने के लिए करीब पांच दिन तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला। जिला प्रशासन, पुलिस, NDRF, सेना,  SDRF सहित कई सुरक्षा संस्थानों के कर्मचारी रात दिन एक किए हुए थे, तब जाकर देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन सक्सेज हुआ।

बचाव अभियान के दौरान गड्ढे में राहुल के पास सांप भी नजर आया

यह ईश्वरीय कृपा ही थी कि 100 से ज्यादा घंटों तक पाताल में रहने वाले राहुल का सांप से भी सामना हुआ, लेकिन वह सुरक्षित बच गया। दरअसल, बचाव अभियान के दौरान बच्चे की पोजीशन जानने के लिए बोरवेल के गड्ढे में कैमरा डाला गया तो उसमें बच्चे के पास ही उसी गड्ढे में एक सांप भी नजर आया। हालांकि यह सूचना बाहर नहीं दी गई क्योंकि जिस मां के कलेजे का टुकड़ा जिंदगी की जंग लड़ रहा था, उसका कलेजा शायद ये खबर सहन नहीं कर पाता।

राहुल का बिलासपुर के अपोलो हॉस्पिटल में चल रहा इलाज

इस बीच राहुल को जिला प्रशासन की टीम ने सुरक्षित बिलासपुर पहुंचा दिया है। जिले के अपोलो हॉस्पिटल में उसे एडमिट किया गया है, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों के निगरानी में उसका इलाज किया जा रहा है। सीएमओ ने ट्वीट कर बताया कि राहुल की स्थिति अभी स्थिर है। वहीं एम्बुलेंस में मौजूद एक डॉक्टर ने बताया कि प्राथमिक जांच में बीपी, शुगर, हार्ट रेट नॉर्मल है और फेफड़े भी क्लियर हैं।

सीएम भूपेश बघेल बिलासपुर जाकर राहुल का हालचाल लेंगे

मुख्यमंत्री कार्यालय ने यह भी जानकारी दी कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज शाम दिल्ली दौरे से लौटेंगे और एयरपोर्ट से सीधे बिलासपुर के लिए रवाना होंगे। वह अपोलो हॉस्पिटल पहुंचकर बोरवेल से 104 घंटे के बाद रेस्क्यू किए गए मासूम राहुल साहू से मुलाकात करेंगे।

मूक-बधिर बच्चा मानसिक रूप से काफी कमजोर

बताया जा रहा है राहुल मूक-बधिर है, मानसिक रूप से काफी कमजोर है, जिसके कारण वह स्कूल भी नहीं जाता था और घर पर ही रहता था। पूरे गांव के लोग भी चार दिनों तक उसी जगह पर टिके हुए थे, जहां पर बच्चा गिरा था। राहुल अपने मां-बाप का बड़ा बेटा है। एक भाई दो साल छोटा है। पिता की गांव में बर्तन की दुकान है।

Exit mobile version