नई दिल्ली, 9 अप्रैल। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने खुलासा किया है कि उनकी पार्टी ने बीते विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से गठबंधन के लिए पेशकश की थी, लेकिन बसपा प्रमुख मायावती ने बात तक नहीं की। राहुल ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी और कांग्रेस नेता के. राजू की पुस्तक ‘द दलित ट्रूथ : द बैटल्स फॉर रियलाइजिंग आंबेडकर्स विजन’ के विमोचन के मौके पर अपने संबोधन में यह बात कही।
LIVE: Shri @RahulGandhi delivers a keynote address at the book launch of 'The Dalit Truth', at Jawahar Bhawan, New Delhi. https://t.co/OisTJPaqSN
— Congress (@INCIndia) April 9, 2022
गौरतलब है कि बीते दिनों पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था। यहां तक कि उसके हाथ से पंजाब भी चला गया, जहां उसकी सत्ता थी। सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में तो कांग्रेस सिर्फ दो सीटें जीत सकी। ऐसा तब हुआ, जब पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रदेश में भरपूर मेहनत की थी। वहीं बसपा सिर्फ एक सीट पा सकी थी।
केंद्रीय एजेंसियों के दबाव में बसपा प्रमुख ने भाजपा को दिया खुला रास्ता
फिलहाल राहुल गांधी ने अब ऐसा बयान देकर सबको चौंका दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने बसपा प्रमुख मायावती को उत्तर प्रदेश में गठबंधन करने और मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने बात तक नहीं की। राहुल ने यह दावा भी किया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और ‘पेगासस’ के
कांग्रेस नेता ने मायावती पर निशाना साधते हुए कहा, ‘कांशीराम जी ने खून-पसीना देकर दलितों की आवाज को जगाया। हमें उससे नुकसान हुआ, वह अलग बात है। आज मायावती जी कहती हैं, उस आवाज के लिए नहीं लड़ूंगी। खुला रास्ता दे दिया। इसकी वजह सीबीआई, ईडी और पेगासस है।’
‘आज सभी संस्थाएं आरएसएस के हाथ में हैं‘
राहुल गांधी ने जोर देकर कहा, ‘अगर मैंने एक रुपये भी लिया होता तो यहां भाषण नहीं दे पाता।’ उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा पर देश की संस्थाओं को नियंत्रित करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘संविधान हिन्दुस्तान का हथियार है। मगर संस्थाओं के बिना संविधान का कोई मतलब नहीं है। हम यहां संविधान लिए घूम रहे हैं, आप और हम कह रहे हैं कि संविधान की रक्षा करनी है। लेकिन संविधान की रक्षा संस्थाओं के जरिए की जाती है। आज सभी संस्थाएं आरएसएस के हाथ में हैं।’
Shri @RahulGandhi today at the book launch of 'The Dalit Truth', where he gave a keynote speech.
Our Constitution- written by a Dalit- to protect all sections of our society, is today being overruled by those chosen to enforce it. pic.twitter.com/Ohjz8SH669
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‘सत्ता के बीच में पैदा होने के बावजूद मुझे इसमें दिलचस्पी नहीं‘
कांग्रेस नेता ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोग सुबह से लेकर रात यही सोचते रहते हैं कि सत्ता कैसे मिलेगी, लेकिन सत्ता के बीच में पैदा होने के बावजूद उन्हें इसमें दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मैं अपने देश को उसी तरह समझने की कोशिश करता हूं, जैसे एक प्रेमी जिससे प्रेम करता है, उसे समझना चाहता है।’
‘मेरे देश ने जो मुझे प्यार दिया है, वो मेरे ऊपर कर्ज है‘
राहुल गांधी ने अपनी चुनावी सफलताओं और विफलताओं की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘मेरे देश ने जो मुझे प्यार दिया है, वो मेरे ऊपर कर्ज है। इसलिए मैं सोचता रहता हूं कि इस कर्ज को कैसे उतारूं। देश ने मुझे सबक भी सिखाया है…देश मुझे कह रहा है कि तुम सीखो और समझो।’