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राहुल गांधी का तीखा वार – प्रधानमंत्री मोदी की नौटंकी कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार

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नई दिल्ली, 28 मई। देश के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कोरोना महामारी से निबटने में असफल रहने का आरोप लगाया है। वैक्सिनेशन की धीमी रफ्तार के लिए भी केंद्र को जिम्मेदार ठहराने के साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि देश में मृत्यु दर के झूठे आंकड़े प्रस्तुत किए जा रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना की दूसरी वेव प्रधानमंत्री की ज़िम्मेदारी है, प्रधानमंत्री ने जो नौटंकी की, अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं की, उसका कारण दूसरी वेव है। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रधानमंत्री को आज तक समझ में ही नहीं आया कि कोरोना है क्या। कोरोना सिर्फ एक बीमारी नहीं है बल्कि यह एक बदलती हुई बीमारी है। आप इसको जितना समय और जगह देंगे, यह उतनी खतरनाक बनती जाएगी।

राहुल ने देश में वैक्सिनेशन की धीमी रफ्तार पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, ‘यदि इसी रेट पर वैक्सिनेशन चलता रहा तो तीसरी, चौथी और पांचवी वेव आएगी। हमारी मृत्यु दर झूठ है और सरकार इस झूठ को फैला रही है। सरकार को समझना चाहिए कि विपक्ष उसका दुश्मन नहीं है बल्कि उसको रास्ता दिखा रहा है।’

केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद राहुल ने कहा, ‘सरकार समझ नहीं रही कि वह किससे मुकाबला कर रही है। इस वायरस के म्यूटेशन के खतरे को समझना चाहिए। आप पूरे ग्रह को खतरे में डाल रहे हैं क्योंकि आप 97% आबादी पर वायरस का हमला होने दे रहे हैं और सिर्फ 3% लोगों को टीके लगाए गए हैं।’ उन्होंने कहा कि यदि इसी रफ्तार से वैक्सिनेशन चलता रहा तो मई, 2024 में जाकर हिन्दुस्तान की पूरी जनता को टीका लग पाएगा।

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेसशासित राज्यों में कोरोना से मौतों के गलत आंकड़े बताए गए, राहुल ने कहा, ‘मैंने कांग्रेसशासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी बात की। मैंने उनसे कहा कि झूठ बोलने से उन्हें ही नुकसान होगा। मौतों के वास्तविक आंकड़े डिस्टर्ब कर सकते हैं, लेकिन हम सच ही बोलना चाहिए।’

राहुल ने यह भी आरोप लगाया कि भारत को दुनिया की फार्मेसी के तौर पर जाना जाता है, लेकिन मोदी सरकार के आपराधिक कुप्रबंधन और वैक्सीन की गड़बड़ियों से आम भारतीयों का जीवन खतरे में पड़ गया है। अब वक्त आ गया है कि झूठ, धुंधले परदे और अक्षम सरकार के दिखावे से आगे बढ़ें।

उन्होंने कहा कि अब प्रधानमंत्री और सरकार से जवाब मांगा जाए। वे अपने कर्तव्य भूल गए हैं और उन्होंने जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया है। प्रधानमंत्री स्ट्रैटेजिकली नहीं सोचते। वह एक इवेंट मैनेजर हैं। वह एक बार में एक ही इवेंट के बारे में सोचते हैं।

राहुल ने कहा, ‘तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच सिर्फ वैक्सिनेशन ही बचाव है। लेकिन मोदी सरकार की वैक्सिनेशन स्ट्रैटजी, कुप्रबंधन और गलतियों का खतरनाक कॉकटेल हो चुकी है। हमारी सरकार वैक्सिनेशन की योजना को लेकर अपना कर्तव्य भूल चुकी है। वैक्सीन खरीद को लेकर सरकार बेखबर हो चुकी है। उसने जान बूझकर डिजिटल डिवाइड बनाया ताकि वैक्सिनेशन धीमी रफ्तार से हो। एक ही वैक्सीन की अलग-अलग कीमत तय करने में सरकार की मिलीभगत थी।’