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राहुल गांधी का आरएसएस और भाजपा पर हमला – 21वीं सदी के कौरव खाकी हाफ पैंट पहनते और शाखा जाते हैं

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चंडीगढ़, 9 जनवरी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के बीच सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हमला किया। उन्होंने आरएसएस पर परोक्ष निशाना साधते हुए उसे ‘21वीं सदी के कौरवों का संगठन’ कहा।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कुरुक्षेत्र में आयोजित एक जनसभा में कहा कि 21वें सदी में भी कौरव हैं, जो खाकी हाफ पैंट पहनते हैं और शाखा जाते हैं। इनके साथ 2-3 अरबपति खड़े होते हैं। नोटबंदी किसने लागू की? नोटबंदी और गलत GST पर साइन भले नरेंद्र मोदी ने किया हो, लेकिन हिन्दुस्तान के 2-3 अरबपतियों ने प्रधानमंत्री का हाथ चलाया।

राहुल गांधी ने कहा कि यात्रा में किसी का धर्म नहीं पूछा गया। अगर कोई गिरा तो उसे उठाया गया…पांडवों ने कुछ गलत किया था? पांडवों ने नोटबंदी, GST लगाई थी? पांडव कभी ऐसा नहीं करते क्योंकि पांडव तपस्वी थे और वो जानते थे कि ये सब इस धरती के तपस्वियों के साथ चोरी करने का तरीका है।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हरियाणा महाभारत की भूमि है। उन्होंने आरएसएस का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा, ‘कौरव कौन थे? पहले मैं आपको 21वीं सदी के कौरवों के बारे में बताऊंगा। वे खाकी निकर पहनते हैं, हाथ में लाठी लेकर चलते हैं और शाखाएं लगाते हैं। भारत के दो-तीन अरबपति कौरवों के साथ खड़े हैं।’

क्या पांडवों ने नोटबंदी या गलत जीएसटी जैसा कोई फैसला किया था?

उन्होंने कहा, ‘क्या पांडवों ने नोटबंदी या गलत जीएसटी जैसा कोई फैसला किया था? क्या वे ऐसा कभी भी करते? कभी नहीं। क्यों? क्योंकि वे तपस्वी थे और जानते थे कि नोटबंदी, गलत जीएसटी, कृषि कानून तपस्वियों को इस धरती से हटाने का तरीका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन फैसलों पर हस्ताक्षर किये, लेकिन भारत के दो-तीन अरबपतियों की ताकत इसके पीछे थी। आप मानें या नहीं मानें।’

राहुल ने कहा, ‘लोग यह नहीं समझते, लेकिन उस समय जैसा युद्ध हुआ था, वैसा ही आज है। यह किसके बीच है? पांडव कौन थे? अर्जुन, भीम….वे तपस्या करते थे।’ क्या लोगों ने कभी पांडवों के इस धरती पर नफरत फैलाने और बेगुनाहों के खिलाफ कभी कोई अपराध करने के बारे में सुना है।’

भारत जोड़ो यात्रा की तरह पांडवों के साथ सभी धर्मों को लोग थे

उन्होंने कहा, ‘एक तरफ ये पांच तपस्वी थे और दूसरी तरफ एक भीड़ वाला संगठन। पांडवों के साथ सभी धर्मों के लोग थे। इस (भारत जोड़ो) यात्रा की तरह ही, जिसमें कोई किसी से नहीं पूछता कि वह कहां से आया है। यह प्यार की दुकान है। पांडव अन्याय के खिलाफ खड़े रहे, उन्होंने भी नफरत के बाजार में प्यार की दुकान खोली थी।’

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