शिमला, 26 मई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 10 साल में 22 लोगों का 16 लाख करोड़ रुपये कर्ज माफ कर दिया, लेकिन वह पिछले साल मॉनसून में बारिश के कारण आई आपदा से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश को 9,000 करोड़ रुपये नहीं दे सके। गांधी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की मदद करने के बजाय मोदी ने राज्य की चुनी हुई सरकार को ‘‘चुराने’’ का प्रयास किया।
राहुल ने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य में बाढ़ से निबटने के लिए केंद्र द्वारा मुहैया कराई गई सहायता का कांग्रेस सरकार द्वारा अनुचित वितरण किए जाने का आरोप लगाया था और इसके खिलाफ काररवाई करने का वादा किया था।
शिमला (सुरक्षित) संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार विनोद सुल्तानपुरी के समर्थन में हिमाचल प्रदेश में सिरमौर जिले के नाहन में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि मोदी ने सेब की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सभी भंडारण सुविधाओं को एक व्यक्ति को सौंप दिया।
उन्होंने दावा किया कि जब भी नरेन्द्र मोदी शपथ लेते हैं, अडाणी के स्वामित्व वाली कंपनियों के शेयर की कीमतें बढ़ जाती हैं। गांधी ने केंद्र में उनकी पार्टी के सत्ता में आने पर कृषि ऋण माफ किए जाने और फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य का वादा किया। उन्होंने कहा कि गरीब परिवारों को जब तक गरीबी रेखा से ऊपर नहीं लाया जाता, उन्हें हर साल एक लाख रुपये दिए जाएंगे।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष गांधी ने देश में बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकारी विभागों में 30 लाख रिक्तियां भरने का भी वादा किया। उन्होंने रैली में कहा कि भाजपा नेता संविधान पर हमला कर रहे हैं और वे इसे खत्म कर देंगे। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे भारत के संविधान पर “हमला” करने के भाजपा नेताओं के प्रयासों को विफल करने के लिए राज्य में सभी चार लोकसभा सीट पर पार्टी उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने का प्रयास करें।
उन्होंने कहा कि मीडिया ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है। गांधी ने कहा कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो स्नातक की पढ़ाई पूरी करने वाले युवाओं को ‘पहली नौकरी पक्का अधिकार’ कार्यक्रम के तहत एक साल की सुनिश्चित नौकरी दी जाएगी।