नई दिल्ली, 30 अप्रैल। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के कई राज्यों में उत्पन्न बिजली संकट को लेकर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कटाक्ष करते हुए कहा कि अपनी इस नाकामी के लिए मोदी पंडित जवाहरलाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराएंगे या फिर राज्यों और जनता को उत्तरदायी बताएंगे।
राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी के कुछ पुराने भाषणों के अंश साझा करते हुए ट्वीट किया, “प्रधानमंत्री जी के ‘वादों’ और ‘इरादों’ के बीच का तार तो हमेशा से ही कटा था। मोदी जी, इस बिजली संकट में आप अपनी नाकामी के लिए किसे दोष देंगे? नेहरू जी को? राज्य सरकारों को? या फिर जनता को ही?”
प्रधानमंत्री जी के ‘वादों’ और ‘इरादों’ के बीच का तार तो हमेशा से ही कटा था।
मोदी जी, इस बिजली संकट में आप अपनी नाकामी के लिए किसे दोष देंगे?
नेहरू जी को? राज्य सरकारों को? या फिर जनता को ही? pic.twitter.com/fNDMz6rMt1
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 30, 2022
कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी के भाषणों के जो अंश साझा किए, उनमें प्रधानमंत्री यह कहते सुने जा सकते हैं कि 2022 में आजादी के 75 साल होने पर सभी देशवासियों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध होगी।
इसी तरह का एक वीडियो साझा करते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, “मोदी जी, बिजलीघरों में कोयला नहीं है…ये कोई ब्रेकिंग न्यूज नहीं बल्कि हर दिन और हर पल की खबर है। देशभर में भीषण गर्मी के बीच भयंकर बिजली कटौती से हाहाकार मचा हुआ है। एक चौथाई से ज्यादा बिजली संयंत्र बंद पड़े हैं और 700 से अधिक ट्रेनें रद हैं। ये कैसी ‘नई अप्रोच’ है?”
मोदी जी,
"बिजलीघरों में कोयला नहीं है.."
ये कोई ब्रेकिंग न्यूज़ नहीं बल्कि हर दिन की 24×7 न्यूज़ है।
देश भर में भीषण गर्मी के बीच भयंकर बिजली कटौती से हाहाकार मचा हुआ है।
एक चौथाई से ज़्यादा पॉवर प्लांट बंद पड़े हैं और 700 से अधिक ट्रेने रद्द हैं।
ये कैसी "नई अप्रोच" है? pic.twitter.com/EQTmvO4NL8
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 30, 2022
वहीं पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से कहा, ‘सबको पता है कि गर्मी आने वाली है और बिजली की मांग बढ़ेगी। ऐसे में सवाल है कि पहले सरकार की तैयारी थी? कोयले की आपूर्ति को लेकर उसने क्या तैयारी कर रखी थी?’
केंद्र सरकार के पास कोई तैयारी नहीं थी, इसलिए बिजली संकट पैदा हुआ
उन्होंने यह भी कहा, ‘यह सरकार अपनी नाकामी का ठीकरा राज्यों पर फोड़ती है। ऑक्सीजन की कमी के लिए राज्य जिम्मेदार हैं, पेट्रोल-डीजल के दाम के बढ़ने के लिए राज्य जिम्मेदार हैं, कोयले की आपूर्ति नहीं होने के लिए राज्य जिम्मेदार हैं। अगर सब चीजों के लिए राज्य जिम्मेदार हैं तो फिर केंद्र सरकार झुनझुना बजाने के लिए है?’ सुप्रिया ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के पास कोई तैयारी नहीं थी, इसलिए यह बिजली संकट पैदा हुआ है।