नई दिल्ली, 15 जून। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार द्वारा रक्षा क्षेत्र में युवाओं को नए अवसर देने के नाम पर पेश की गई ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। केंद्र सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए उन्होंने बुधवार को कहा कि इसकी सिर्फ आलोचना की जा सकती है क्योंकि ‘अग्निपथ’ योजना से तीनों सैन्यबलों की गरिमा और वीरता को कम किया जा रहा है, जिससे समझौता करने की आजादी सरकार को नहीं दी जा सकती।
When India faces threats on two fronts, the uncalled for Agnipath scheme reduces the operational effectiveness of our armed forces.
The BJP govt must stop compromising the dignity, traditions, valour & discipline of our forces.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 15, 2022
सेना की गरिमा, परंपराओं, वीरता और अनुशासन से समझौता बंद करे भाजपा सरकार
राहुल गांधी ने चीन और पाकिस्तान सीमा पर विवादित स्थिति को संज्ञान में लेते हुए इस मामले में ट्वीट करते हुए कहा, ‘जब भारत दो मोर्चों पर खतरों का सामना कर रहा है तो ऐसे में अग्निपथ योजना केवल हमारे सशस्त्र बलों के प्रभाव कम करने का काम करेगी। भाजपा सरकार को हमारी सेना की गरिमा, परंपराओं, वीरता और अनुशासन से समझौता करना बंद करना चाहिए।’
प्रियंका गांधी ने पूछा – सरकार सेना भर्ती को अपनी प्रयोगशाला क्यों बना रही
यूपी कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी ने भी इस मामले में मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘भाजपा सरकार सेना भर्ती को अपनी प्रयोगशाला क्यों बना रही है? सैनिकों की लंबी नौकरी सरकार को बोझ लग रही है? युवा कह रहे हैं कि ये चार साला नियम छलावा है। हमारे पूर्व सैनिक भी इससे असहमत हैं। सेना भर्ती से जुड़े संवेदनशील मसले पर न कोई चर्चा, न कोई गंभीर सोच-विचार। बस मनमानी?’
भाजपा सरकार सेना भर्ती को अपनी प्रयोगशाला क्यों बना रही है? सैनिकों की लंबी नौकरी सरकार को बोझ लग रही है?
युवा कह रहे हैं कि ये 4 साला नियम छलावा है। हमारे पूर्व सैनिक भी इससे असहमत हैं।
सेना भर्ती से जुड़े संवेदनशील मसले पर न कोई चर्चा, न कोई गंभीर सोच-विचार।
बस मनमानी? pic.twitter.com/nNn83Cq0sq— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 15, 2022
ये है केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ‘ योजना
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने मंगलवार को थल सेना, नौसेना और वायु सेना में सैनिकों की भर्ती के लिए एक नई योजना ‘अग्निपथ’ की शुरुआत की है। इसके तहत सरकार देश के युवा बेरोजगारों को चार साल के छोटे कांट्रैक्ट पर भर्ती करेगी। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस योजना के तहत इस वर्ष साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के लगभग 46,000 युवाओं को सेना की तीन सेवाओं में भर्ती किया जाएगा।
चयनित युवाओं को ट्रेनिंग देकर अग्निवीर बनाया जाएगा
सेना द्वारा चयनित युवाओं को 10 हफ्ते से लेकर छह महीने तक ट्रेनिंग देकर अग्निवीर बनाया जाएगा और फिर उन्हें देश की सीमा के अलग-अलग हिस्सों में तैनात किया जाएगा। अग्निवीर अगर चार वर्ष सेवा अवधि के बीच देश के लिए वीरगति को प्राप्त होते हैं तो उनके परिजनों को एक करोड़ रुपये की राशि देने के साथ बचे हए सेवाकाल का वेतन भी दिया जाएगा।
वहीं अगर चार वर्ष के सेवाकाल के बाद उनका कांट्रैक्ट खत्म होता है तो उसके बाद उन्हें सीएपीएफ और असम राइफल्स की भर्ती में वरीयता के आधार पर नियुक्त किया जाएगा। सेना की ओर से मिली जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत चार वर्ष बाद सेवा विहीन होने वाले 80 फीसदी अग्निवीरों को सेना की ओर से रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाने में मदद की जाएगी।