नई दिल्ली, 20 सितम्बर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक (नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल) पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए इसे बदलाव वाला बिल करार दिया।
राहुल गांधी ने कहा, ‘हमारा महिला आरक्षण बिल को समर्थन है, ये महिलाओं के लिए बहुत जरूरी कदम है। महिलाओं ने देश की आजादी के लिए भी लड़ाई लड़ी है। ये लोग हमारे बराबर है और कई मामलों में हमारे से आगे भी हैं। लेकिन मेरे विचार से यह विधेयक अधूरा है। इसमें ओबीसी आरक्षण को जोड़ा जाना चाहिए।’
LIVE: Shri @RahulGandhi speaks on the Women's Reservation Bill in Parliament. https://t.co/MIQu6rZBgj
— Congress (@INCIndia) September 20, 2023
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘बिल का क्रियान्यवन करने के लिए नई जनगणना और परिसीमन की जरूरत है, लेकिन मेरी राय है कि ये अभी लागू हो सकता है। इसके लिए लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें अभी आरक्षित करनी होंगी।
जाति जनगणना पर ध्यान हटाने की कोशिश करती है भाजपा
केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने सदन में कहा, ‘विपक्ष जाति जनगणना का मुद्दा उठाता है तो भाजपा ध्यान हटाने की कोशिश करती है। इसके लिए नया इवेंट करती है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि ओबीसी और भारतीय लोगों का इसपर ध्यान नहीं जाए।’
केंद्र सरकार में 90 सेक्रेटरी में से सिर्फ 3 ओबीसी, यह समाज का अपमान
राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार में 90 सेक्रेटरी में से सिर्फ तीन ओबीसी से हैं। उन्होंने कहा, ‘संस्थानों में ओबीसी की भागादारी कितनी को लेकर रिसर्च की। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, लेकिन केंद्र सरकार में 90 सेक्रेटरी में से सिर्फ तीन ओबीसी समाज से आते हैं। ये हिन्दुस्तान के पांच प्रतिशत बजट को कंट्रोल करते हैं।’
कांग्रेस नेता ने संसद के निचले सदन में दावा किया, ‘ये ओबीसी समाज का अपमान है। कितने दलित और आदिवासी है। इस सवाल का जवाब जाति जनगणना की जरूरत है। जल्द से जल्द हमारे किए गए जनगणना का डाटा रिलीज करिए, नहीं तो हम कर देंगे।’