नई दिल्ली, 10 सितम्बर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने यूरोप के दौरे के बीच मीडिया और कई अन्य समूहों से लगातार बातचीत भी कर रहे हैं। इस दौरान वह विदेशी धरती से भी भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने पेरिस स्थित फ्रांस के अग्रणी सामाजिक विज्ञान संस्थान ‘साइंसेज पीओ यूनिवर्सिटी’ में छात्रों और शिक्षाविदों के साथ चर्चा के दौरान अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’, विपक्षी दलों के गठबंधन द्वारा भारत के लोकतांत्रिक ढांचों को बचाने की लड़ाई और बदलती वैश्विक व्यवस्था और अन्य प्रमुख मुद्दों का उल्लेख किया।
राहुल ने चर्चा के दौरान भारत में ‘हिन्दू राष्ट्रवाद’ के उभार के बारे में एक सवाल पर कहा, ‘मैंने गीता पढ़ी है, कई उपनिषद पढ़े हैं, मैंने कई हिन्दू धर्म से जुड़ी किताबें पढ़ी हैं। लेकिन भाजपा जो करती है, उसमें हिन्दू धर्म जैसा कुछ भी नहीं है, बिल्कुल भी नहीं।’ इस बातचीत का एक वीडियो रविवार को जारी किया गया।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मैंने हिन्दू धर्म से जुड़ी किसी किताब में नहीं पढ़ा और ना ही किसी विद्वान हिन्दू व्यक्ति से यह सुना कि आपको अपने से कमजोर लोगों को आतंकित करना चाहिए, उन्हें नुकसान पहुंचाना चाहिए। तो, ये विचार, ये शब्द, हिन्दू राष्ट्रवाद, ये गलत शब्द हैं।’
राहुल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘वे हिन्दू राष्ट्रवादी नहीं हैं। उनका हिन्दू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। वे किसी भी कीमत पर सत्ता हासिल करना चाहते हैं और वे सत्ता पाने के लिए कुछ भी करेंगे। वे कुछ लोगों का प्रभुत्व चाहते हैं। उनमें हिन्दू (धर्म जैसा) कुछ भी नहीं है।’
I have read the Gita, Upanishads and many Hindu books. There is nothing Hindu about what the BJP does—absolutely nothing.
I have not read anywhere in any Hindu book or heard from any learned Hindu person that you should terrorize or harm people who are weaker than you.
They… pic.twitter.com/mEj2vOrAxq
— Congress (@INCIndia) September 10, 2023
देश में दलित और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा के मामलों के बारे में सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि इस मुद्दे से निबटने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है और विपक्षी दल उस लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) जो करने की कोशिश कर रहे हैं, उसका मूल उद्देश्य निचली जातियों, अन्य पिछड़ी जातियों, आदिवासियों और अल्पसंख्यक समुदायों की अभिव्यक्ति, भागीदारी को रोकना है।
‘यह वैसा भारत नहीं है, जो मैं चाहता हूं’
राहुल ने कहा, ‘मेरे लिए उस भारत पर, जहां किसी दलित व्यक्ति या मुस्लिम व्यक्ति, आदिवासी व्यक्ति, उच्च जाति के व्यक्ति, किसी के भी साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है, हमला किया जा रहा है। यह वैसा भारत नहीं है, जो मैं चाहता हूं।’ कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर कल सुबह प्रधानमंत्री यह फैसला कर लें कि भारत में कोई अहंकारपूर्ण आचरण या कोई हिंसा नहीं करेगा, तो यह रुक जाएगा। देश का नेतृत्व जो विचार देता है, वह लोगों को आकार देता है।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने खिलाफ कानूनी मामलों की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह भी भारतीय इतिहास में पहली बार हुआ कि किसी को आपराधिक मानहानि के लिए अधिकतम सजा दी गई। लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को बनाए रखने की लड़ाई जारी है और बहुत जीवंत है।
सरकार पर मूल रूप से इतिहास को नकारने की कोशिश करने का आरोप
उन्होंने देश के नाम को लेकर जारी बहस के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इंडिया और भारत दोनों संविधान में उल्लिखित हैं। सरकार अजीब तरीके से काम कर रही है क्योंकि उसे विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस’ (इंडिया) के नाम से चिढ़ है। जो लोग किसी भी चीज का नाम बदलना चाहते हैं, वे मूल रूप से इतिहास को नकारने की कोशिश कर रहे हैं। मामले के तथ्य यह हैं कि चाहे हम इसे पसंद करें या हमें यह पसंद न हो, हमारा एक इतिहास है। हम पर अंग्रेजों ने शासन किया, हमने अंग्रेजों से लड़ाई की, हमने अंग्रेजों को हराया।’