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राहुल गांधी पहुंचे गुजरात हाई कोर्ट, मानहानि मामले में निचली अदालत के फैसले को दी चुनौती

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नई दिल्ली, 25 अप्रैल। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘मोदी सरनेम’ को लेकर मानहानि के मामले में गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस केस में निचली अदालत से दो वर्ष की सजा की अपील खारिज होने के बाद राहुल ने यह कदम उठाया है।

गौरतलब है कि सूरत की सत्र अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर. पी. मोगेरा ने दोषसिद्धि के खिलाफ दायर उनकी अर्जी खारिज कर दी थी। यदि राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक संबंधी अर्जी मंजूर हो जाती तो उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल होने का रास्ता साफ हो सकता था।

52 वर्षीय राहुल गांधी ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ गत तीन अप्रैल को सत्र अदालत का रुख किया था। उनके वकील ने राहुल को दो वर्ष की सजा के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर मुख्य अपील के साथ दो अर्जियां भी दायर की थीं। इनमें एक अर्जी जमानत के लिए थी जबकि दूसरी अर्जी मुख्य अपील के निस्तारण तक दोषसिद्धि पर रोक के लिए थी।

पटना हाई कोर्ट से राहुल को मिली राहत

वहीं, पटना हाई कोर्ट से सोमवार को राहुल गांधी को इस मामले में राहत जरूर मिली थी। हाई कोर्ट ने इसे लेकर राहुल के खिलाफ एक अदालत में चल रही मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगा दी। जस्टिस संदीप कुमार ने राहुल की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाही पर रोक लगा दी, जिसमें कहा गया कि चूंकि उन्हें पहले ही गुजरात की एक अदालत द्वारा इसी तरह के मामले में दोषी ठहराया जा चुका है, इसलिए उन पर उसी अपराध के लिए फिर से मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है।

भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी के वकील एस. डी. संजय ने बताया, ‘उच्च न्यायालय ने 15 मई तक मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगा दी है। उसी तारीख पर हम याचिका पर अपना जवाब दाखिल करेंगे।’

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