नई दिल्ली, 15 जुलाई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात हाई कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ आज उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की, जिसमें ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से उच्च न्यायालय ने इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट के उस फैसले के ही कारण राहुल को लोकसभा सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
लोकसभा सांसद के रूप में 24 मार्च को अयोग्य घोषित किए गए थे
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता को इसी वर्ष 24 मार्च को संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जब गुजरात की एक अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया था और आपराधिक मानहानि के आरोप में दो वर्ष की जेल की सजा सुनाई थी। राहुल की सजा पर रोक से लोकसभा सांसद के रूप में उनकी बहाली का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। हालांकि, उन्हें सेशन कोर्ट या गुजरात हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है।
शिकायतकर्ता भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दायर की थी
शिकायतकर्ता, भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने पहले सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दायर की थी, जिसमें मांग की गई थी कि अगर कांग्रेस नेता उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका दायर करते हैं तो उनकी बात सुनी जाए।
उच्च न्यायालय ने गांधी की अपील को खारिज करते हुए यह कहा था, ‘अब राजनीति में शुचिता होना समय की मांग है।’ इसमें यह भी कहा गया था, “आमजन के प्रतिनिधियों को ‘स्पष्ट पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति’ होना चाहिए और दोषसिद्धि पर रोक कोई नियम नहीं है, बल्कि दुर्लभ मामलों में ही एक अपवाद का सहारा लिया जाता है और उसकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने के लिए कोई उचित आधार नहीं है।”
अदालत ने कहा था, ”राहुल गांधी बिल्कुल गैर-मौजूद आधार पर दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं।’ अदालत ने कहा कि दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार करने से किसी भी तरह से आवेदक के साथ अन्याय नहीं होगा।