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राहुल गांधी ने बिहार SIR पर EC के बयान को बताया ‘बकवास’, बोले – ‘हमारे पास हेराफेरी के 100 फीसदी सबूत’

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नई दिल्ली, 24 जुलाई। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) मुद्दे को लेकर भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के बयान को बकवास करार दिया है। कांग्रेस नेता ने साथ ही आयोग को चेतावनी दी कि विपक्ष उसे बिहार SIR अभ्यास से बचने नहीं देगा।

आप इससे बच नहीं पाएंगे क्योंकि हम आपके खिलाफ काररवाई करेंगे

संसद के मानसून सत्र के चौथे दिन आज लोकसभा की कार्यवाही स्थगित होने के तुरंत बाद राहुल गांधी ने संसद भवन के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘मैं चुनाव आयोग को संदेश देना चाहता हूं – यदि आप सोचते हैं कि आप इससे बच निकलेंगे, यदि आपके अधिकारी सोचते हैं कि वे इससे बच निकलेंगे, तो आप गलत हैं। आप इससे बच नहीं पाएंगे क्योंकि हम आपके खिलाफ काररवाई करेंगे।’

कर्नाटक में भी मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया में धोखाधड़ी का आरोप

राहुल गांधी ने इसी क्रम में ECI पर कर्नाटक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया के दौरान भी धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि उनके पास कथित हेराफेरी के 100 प्रतिशत सबूत हैं, जिसमें मतदाताओं को जोड़ना और हटाना शामिल है, लेकिन उन्होंने अब तक कोई सबूत पेश नहीं किया है।

50+ के हजारों नए मतदाता जोड़े गये, 18+ के पात्र वोटरों को काटा गया

उन्होंने आरोप लगाया कि एक ही निर्वाचन क्षेत्र में 50, 60 और 65 वर्ष की आयु के हजारों नए मतदाताओं को सूची में जोड़ा गया है और 18 वर्ष से अधिक आयु के पात्र मतदाताओं को सूची से हटा दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘आज हमारे पास 100 प्रतिशत सबूत हैं कि चुनाव आयोग ने कर्नाटक में एक सीट पर धोखाधड़ी की अनुमति दी। जब हम इसे आपको दिखाने का निर्णय लेते हैं तो यह 100 प्रतिशत सबूत होता है। हमने सिर्फ एक निर्वाचन क्षेत्र पर नजर डाली और हमें ये पता चला। मुझे पूरा यकीन है कि हर निर्वाचन क्षेत्र में यही ड्रामा चल रहा है।’

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित विपक्षी दल बिहार एसआईआर प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि यह मतदाताओं, विशेषकर हाशिए पर पड़े समुदायों को मताधिकार से वंचित करने का प्रयास है। उनका दावा है कि इस प्रक्रिया का उपयोग मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए किया जा रहा है, जिसका आगामी विधानसभा चुनावों के परिणाम पर असर पड़ सकता है।

चुनाव आयोग द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करने के दावे को दोहराते हुए रायबरेली के कांग्रेस सांसद राहुल ने कहा, ‘मैंने कल भी यह कहा था, यह बहुत गंभीर मामला है। चुनाव आयोग भारत के चुनाव आयोग के रूप में काम नहीं कर रहा है। आज उन्होंने जो बयान दिया, वह पूरी तरह बकवास है। सच तो यह है कि चुनाव आयोग अपना काम नहीं कर रहा है।’

संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन, EC व सरकार के खिलाफ लगे नारे

इसी क्रम में राहुल गांधी ने अखिलेश यादव और डीएमके सांसद टीआर बालू जैसे अन्य विपक्षी सांसदों के साथ संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और चुनाव आयोग तथा भाजपा नीत एनडीए सरकार के खिलाफ नारे लगाए। सांसदों ने पोस्टर ले रखे थे, जिन पर लिखा था ‘एसआईआर लोकतंत्र की हत्या है’ और ‘न्याय, न्याय, न्याय’, तथा उन्होंने एसआईआर प्रक्रिया के प्रति अपना कड़ा विरोध प्रदर्शित किया।

चुनाव की शुचिता सुनिश्चित करना SIR का उद्देश्य – ईसी

इस बीच, चुनाव आयोग ने पुनरीक्षण प्रक्रिया का बचाव करते हुए कहा है कि इसका उद्देश्य अयोग्य मतदाताओं को मतदाता सूची से हटाकर चुनाव की शुचिता सुनिश्चित करना है। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है, जिसमें चुनावी शुचिता के हित में नागरिकता संबंधी विवरणों को सत्यापित करने के अपने अधिकार की पुष्टि की गई है।

विपक्ष के नेता ने चुनाव आयोग के उस बयान का हवाला दिया, जिसमें चुनावी राज्य बिहार SIR का बचाव किया गया था। चुनाव आयोग ने पार्टियों से ‘राजनीतिक विचारधाराओं से परे जाकर’ गहराई से सोचने का आग्रह किया था।

ईसीआई ने अपने आलोचकों से सवाल किया कि क्या उसे मृतक और प्रवासी मतदाताओं के नाम पर फर्जी वोट डालने की अनुमति देनी चाहिए। साथ ही कहा गया है, ‘भारत का संविधान भारतीय लोकतंत्र की जननी है। इसलिए क्या इन चीजों से डरकर चुनाव आयोग को कुछ लोगों के बहकावे में आकर, पहले बिहार में और फिर पूरे देश में संविधान के विरुद्ध जाकर, मृतक मतदाताओं, स्थायी रूप से पलायन कर चुके मतदाताओं, दो स्थानों पर वोट दर्ज कराने वाले मतदाताओं, फर्जी मतदाताओं या विदेशी मतदाताओं के नाम पर फर्जी वोट डालने का रास्ता साफ कर देना चाहिए?’

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