नई दिल्ली, 10 अक्टूबर। आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा सचिवालय को उन्हें आवंटित सरकारी बंगला खाली कराने से रोकने वाला अंतरिम आदेश रद करने के निचली अदालत के फैसले को मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी।इस याचिका को मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरुला की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए पेश किया गया जो बुधवार को इसे सूचीबद्ध करने पर राजी हो गई।
राघव चड्ढा की वकील ने कहा कि संसद सदस्य को एक नोटिस दी गई और बंगला खाली कराने की काररवाई जारी है। उन्होंने इससे पहले कहा कि निचली अदालत की ओर से रोक लगाई गई थी, लेकिन इसे अब हटा लिया गया है।
निचली अदालत ने पांच अक्टूबर को आदेश दिया था कि ‘आप’ नेता राघव चड्ढा यह दावा नहीं कर सकते कि आवंटन रद होने के बाद भी उन्हें राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने पूरे कार्यकाल के दौरान सरकारी बंगले पर कब्जा कायम रखने का पूर्ण अधिकार है।
अदालत ने 18 अप्रैल को पारित उस अंतरिम आदेश को रद करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें राज्यसभा सचिवालय को चड्ढा को सरकारी बंगले से बेदखल नहीं करने का निर्देश दिया गया था। निचली अदालत ने कहा कि चड्ढा को अंतरिम राहत दी गई थी कि उन्हें कानूनी प्रक्रिया के बिना आवास से बेदखल नहीं किया जाएगा।