गोरखपुर, 4 सितम्बर। गोरखपुर जंक्शन से रविवार को एक किलोमीटर लम्बी ‘पायथन’ ट्रेन रवाना हुई। यह दो रेक को जोड़कर बनाई गई मालगाड़ी है, जिसे पायथन नाम दिया गया है। सभी मानकों पर खरा उतरने के बाद रविवार की शाम 4.40 बजे एनएफ रेलवे की तरफ 87 वैगन की यह मालगाड़ी रवाना हो गई। इस व्यवस्था से दो मालगाड़ियां एक ही पाथ से चलाई जा सकेंगी। इसमें ‘मैन पॉवर’ के साथ ही बिजली की भी बचत होगी।
गोरखपुर में पहली बार पायथन का प्रयोग किया गया
दरअसल, वाराणसी कैंट स्टेशन पर जारी यार्ड रीमॉडलिंग के तहत नॉन इंटरलॉकिंग कार्य के चलते काफी ट्रेनें निरस्त चल रही हैं। ऐसे में मालगाड़ियों का संचालन भी प्रभावित हो रहा है। इसी को देखते हुए स्टेशन प्रबंधन ने दो मालगाड़ियों को एक साथ गुजारने के लिए पहली बार गोरखपुर में पायथन का प्रयोग किया गया। पॉवर में दिक्कत न हो, इसके लिए दो इंजन लगाए गए हैं।
पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार शनिवार को शाम पांच बजे जगतबेला में और रविवार को शाम 4.40 बजे गोरखपुर जंक्शन के लाइन नम्बर दो से दो मालगाड़ियां जोड़कर चलाई गईं। करीब एक किलोमीटर लंबी इस मालगाड़ी को गोरखपुर स्टेशन पार करने में छह मिनट से अधिक का समय लग गया।
ट्रैफिक ब्लॉक के साथ ही बिजली की भी बचत
पूर्व मुख्य परिचालन प्रबंधक राकेश त्रिपाठी ने बताया कि इस व्यवस्था से रेलवे का ब्लॉक तो बचा ही, बिजली की भी बचत हुई। सबसे अच्छी बात यह है कि एक ही पाथ (रास्ते) से दो मालगाड़ियां एक ही बार में गुजर गईं। गोरखपुर में अब तक यह प्रयोग नहीं हुआ था। इससे कैंट में ब्लॉक के बाद भी अच्छी संख्या में गाड़ियां पास हो जा रही हैं।
सीपीआरओ बोले
पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने कहा कि एक ही पाथ से दो मालगाड़ियां निकल जाएं, इसके लिए गोरखपुर में पहली बार दो मालगाड़ियों को जोड़कर चलाया गया। इससे काफी सहूलियत होगी। लम्बाई ज्यादा होने से इसे पायथन नाम दिया गया है।