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बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल : पीवी सिंधु और लक्ष्य सेन ने बैडमिंटन की एकल स्पर्धाओं में जीते स्वर्ण पदक

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बर्मिंघम, 8 अगस्त। भारत के दो शीर्षस्थ शटलरों – पीवी सिंधु और लक्ष्य सेन ने 22वें राष्ट्रमंडल खेलों के अंतिम दिन सोमवार को बैडमिंटन की एकल स्पर्धाओं के स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिए। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता सिंधु ने जहां राष्ट्रमंडल खेलों में महिला एकल का स्वर्ण पहली बार जीता वहीं विश्व कांस्य पदक विजेता युवा शटलर लक्ष्य सेन ने इन खेलों में अपना पहला पदक और वह भी स्वर्ण के रूप में हासिल किया।

हालांकि खेलों के अंतिम दिन भारत की निगाहें तीसरे बैडमिंटन स्वर्ण पर भी लगी हैं, जब सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी व चिराग शेट्टी की जोड़ी पुरुष युगल फाइनल में इंग्लैंड के लेन बेन व वेंडी सीन से खेलेगी।

सिंधु ने कनाडाई मिशेल ली को सीधे गेमों में मात दी

फिलहाल दिन की स्वर्णिम शुरुआत सिंधु ने की। बीडब्ल्यूएफ विश्व रैंकिंग में सातवें नंबर पर काबिज 27 वर्षीया भारतीय शटलर ने फाइनल में कनाडा की मिशेल ली सीधे गेमों में 21-15, 21-13 से हरा दिया। शुरुआत से आक्रामक तेवर दर्शाने वालीं सिंधु को कनाडाई प्रतिद्वंद्वी से ज्यादा प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा।

मिशेल ली हालांकि पहले गेम के मध्यांतर तक सिर्फ एक अंक (10-11) से पीछे थीं। लेकिन उसके बाद सिंधु ने रफ्तार पकड़ ली। इस दौरान विपक्षी की बेजां गलतियों को भी फायदा उठाने वालीं सिंधु ने दूसरे गेम में ब्रेक तक 11-6 की बढ़त के बाद गेम और मैच आसानी से जीत लिया।

राष्ट्रमंडल खेलों में सिंधु के नाम पहली बार एकल का स्वर्ण

पूर्व विश्व चैंपियन सिंधु राष्ट्रमंडल खेलों में पहली बार एकल स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहीं। इससे पहले 2018 गोल्ड कोस्ट में उन्हें मिक्स्ड टीम स्पर्धा में स्वर्ण मिला था। तब एकल में वह साइना नेहवाल के खिलाफ फाइनल हार गई थीं जबकि 2014 में उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था।

लक्ष्य सेन ने पुुरुष एकल फाइनल में मलेशियाई स्पर्धी को तीन गेमों में हराया

उधर 20 वर्षीय लक्ष्य सेन ने पुरुष एकल फाइनल में मलेशियाई एनजी ते यंग के खिलाफ पहला गेम कड़े संघर्ष में गंवाने के बाद शानदार वापसी की और 19-21, 21-9, 21-16 की जीत से स्वर्ण पदक पर नाम लिखाया।

पहले प्रयास में ही स्वर्ण सहित दो पदक जीते

दरअसल विश्व रैंकिंग में 10वें नंबर पर काबिज लक्ष्य सेन का यह पहला ही राष्ट्रमंडल खेल था, जिसमें उन्होंने दो पदक जीत लिए। वह मिश्रित टीम स्पर्धा का रजत पदक जीतने वाली टीम के भी सदस्य थे। उस टीम में लक्ष्य के वरिष्ठ साथी रहे किदांबी श्रीकांत ने एकल में रविवार की शाम कांस्य पदक जीता था।

इसी वर्ष ऐतिहासिक थॉमस कप स्वर्ण जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे लक्ष्य की शुरुआत हालांकि कठिन रही और विश्व नंबर 42 ते यंग ने संघर्ष के बावजूद पहला गेम ले लिया। लेकिन यहीं लक्ष्य ने बाजी पलट दी और दूसरे गेम में ब्रेक पर 11-9 की बढ़त के बाद उन्होंने विपक्षी को एक भी अंक नहीं दिया। तीसरे गेम में भी लक्ष्य ने शुरुआत में पिछड़ने के बाद सेन ने ब्रेक तक 11-7 ले रखी थी और फिर धैर्य बरकरार रखते हुए पहले ही मैच अंक भुनाकर स्वर्ण पदक जीत लिया।

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