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Putrada Ekadashi 2025: पुत्रदा एकादशी व्रत कल? जानिए सही पूजा विधि और पारण का शुभ समय

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नई दिल्ली, 4 अगस्त। जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए एकादशी तिथि को शुभ माना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और संतान को दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस बार पुत्रदा एकादशी व्रत 5 अगस्त (Putrada Ekadashi) को किया जाएगा। चूंकि हिंदू धर्म में उदया तिथि को मान्यता दी जाती है, ऐसे में पुत्रदा एकादशी 5 अगस्त को मनाई जाएगी। वहीं, व्रत का पारण 6 अगस्त की सुबह 07.15 बजे से 08.21 बजे तक है।

सुबह सभी नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
इसके बाद घर के मंदिर की सफाई करें और फिर एक चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
पूजा के दौरान धूप-दीप, फूल-माला, बेलपत्र, आंकड़े के फूल चढ़ाएं।
इसके बाद रोली,कुमकुम और नैवैद्य सहित कुल 16 सामग्री अर्पित करें।
फिर भगवान विष्णु को तुलसी दल अर्पित करें।
इसके बाद पुत्रदा एकादशी की कथा करें और अंत में आरती करें।
साथ ही भगवान के सामने एकादशी व्रत रहने का संकल्प लें।

इस दिन स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद मंदिर की सफाई करने के बाद पूजा-अर्चना करें। देसी घी का दीपक जलाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आरती करें। मंत्रों का जप और विष्णु चालीसा का पाठ करें। इसके बाद सात्विक चीजों का भोग लगाएं। गरीब लोगों या मंदिर में दान करें।

1. ॐ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु ।
यद्दीदयच्दवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्”।।
2. वृंदा,वृन्दावनी,विश्वपुजिता,विश्वपावनी |
पुष्पसारा,नंदिनी च तुलसी,कृष्णजीवनी ।।
एत नाम अष्टकं चैव स्त्रोत्र नामार्थ संयुतम |
य:पठेत तां सम्पूज्य सोभवमेघ फलं लभेत।।

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