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पंजाब के राज्यपाल की सीएम भगवंत मान को चेतावनी – ‘मेरे पत्रों का जवाब दें अन्यथा राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दूंगा’

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अमृतसर, 25 अगस्त। पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और राज्यपाल के बीच अन्यान्य मामलों को लेकर तनातनी तेज हो गई है। इस क्रम में राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान को चेतावनी दी कि अगर उनके पत्रों का जवाब नहीं दिया गया तो वह राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने के साथ ही आपराधिक काररवाई भी शुरू कर सकते हैं।

सीएम को लिखे पत्र में पुरोहित ने कहा – ‘राज्य में विफल हो गया है संवैधानिक तंत्र

मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखे पत्र में राज्यपाल पुरोहित ने कहा, ‘मुझे यह बताते हुए दुख हो रहा है कि यह मानने का कारण है कि राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल हो गया है।’ राज्यपाल ने कहा कि वह अपने पिछले पत्रों पर उनसे कोई जवाब नहीं मिलने से परेशान थे और उन्होंने उन्हें चेतावनी दी कि वह संवैधानिक तंत्र की विफलता पर राष्ट्रपति को एक रिपोर्ट भेज सकते हैं।

आमतौर पर राज्यपाल द्वारा रिपोर्ट भेजे जाने के बाद अनुच्छेद 356 के लागू होने पर किसी राज्य को सीधे केंद्र के शासन के अधीन लाया जाता है। आईपीसी की धारा राष्ट्रपति या राज्यपाल पर हमला करने या उन्हें उनकी कानूनी शक्तियों का प्रयोग करने से गलत तरीके से रोकने से संबंधित है।

राज्यपाल ने कहा, ‘इससे पहले कि मैं संवैधानिक तंत्र की विफलता के बारे में अनुच्छेद 356 के तहत भारत के राष्ट्रपति को एक रिपोर्ट भेजने और आईपीसी की धारा 124 के तहत आपराधिक काररवाई शुरू करने के बारे में अंतिम निर्णय लेने जा रहा हूं, मैं आपसे मेरे पत्र का जवाब भेजने के लिए कहता हूं।’

उन्होंने कहा, ‘उपरोक्त मेरे पत्रों के तहत और राज्य में नशीली दवाओं की समस्या के संबंध में आपके द्वारा उठाए गए कदमों के संबंध में अपेक्षित जानकारी मांगी गई है। ऐसा न करने पर मेरे पास कानून और संविधान के अनुसार काररवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।’

राज्यपाल पुरोहित ने कहा, ‘मैं संविधान के तहत राज्यपाल पर लगाए गए कर्तव्य से बंधा हुआ हूं कि प्रशासन एक ऐसे स्तर पर चलाया जाए, जिसे अच्छा, कुशल, निष्पक्ष और ईमानदार माना जाएगा और सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव इसके विपरीत नहीं हैं। इसलिए मैं आपको सलाह देता हूं और आपको चेतावनी देता हूं और आपसे मेरे पत्रों का जवाब देने और मुझसे मांगी गई जानकारी देने के लिए कहता हूं।’

राज्यपाल का दावा – सीएम जान बूझकर पत्रों का जवाब नहीं दे रहे

राज्यपाल ने दावा किया कि सीएम मान ने राज्यपाल के पत्र का जवाब नहीं दिया। पुरोहित ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में अपने एक अगस्त के पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि मान ने अभी तक उनके द्वारा मांगी गई जानकारी नहीं दी है। उन्होंने कहा, ‘ऐसा प्रतीत होता है कि आप जान बूझकर मेरे द्वारा मांगी गई जानकारी देने से इनकार कर रहे हैं।’ पुरोहित ने, जिन्होंने पहले मान को कई पत्र लिखकर अन्य मुद्दों के अलावा 36 स्कूल प्रिंसिपलों के लिए विदेशी प्रशिक्षण सेमिनार पर जानकारी मांगी थी, आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने उनका जवाब नहीं दिया।

सरकार नियंत्रित शराब की दुकानों में बेची जा रही नशीली दवाएं

राज्यपाल ने आगे दावा किया कि उन्हें पंजाब में नशीली दवाओं की बड़े पैमाने पर उपलब्धता और दुरुपयोग के संबंध में विभिन्न एजेंसियों से रिपोर्ट मिली है और उन्होंने इस संबंध में एक रिपोर्ट भी मांगी है।

राज्यपाल ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और चंडीगढ़ पुलिस की हालिया काररवाई का हवाला देते हुए लिखा, ‘यह सामान्य ज्ञान है कि वे केमिस्ट की दुकानों में उपलब्ध हैं, एक नया चलन देखा गया है कि वे सरकार नियंत्रित शराब की दुकानों में बेचे जा रहे हैं।’ इसी क्रम में लुधियाना में नशीली दवाएं बेचने के आरोप में 66 शराब की दुकानें सील कर दी गईं।

पंजाब में हर पांच में एक व्यक्ति नशीली दवाओं के संपर्क में या इसका आदी

राज्यपाल ने सीएम को संबोधित करते हुए कहा, ‘संसदीय स्थायी समिति की हालिया रिपोर्ट है कि पंजाब में पांच में से एक व्यक्ति नशीली दवाओं के संपर्क में है या इसका आदी है। ये तथ्य पंजाब में कानून-व्यवस्था के चरमराने की ओर इस हद तक इशारा कर रहे हैं कि अब ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है और खुद को नशे से बचाने के लिए अपनी ग्राम रक्षा समितियां स्थापित करने का फैसला किया है। कृपया इन दवाओं के मामले में आपके द्वारा की गई काररवाई से संबंधित एक रिपोर्ट तुरंत मेरे कार्यालय को भेजें।’

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