नई दिल्ली, 11 जनवरी। पंजाब विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी को नेताओं की आंतरिक कलह से जूझना पड़ रहा है। कांग्रेस पार्टी हालांकि मतदान से कुछ दिन पहले डैमेज कंट्रोल की स्थिति में नज़र आ रही है। कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेताओं राजीव शुक्ला और दीपेंद्र सिंह हुड्डा को पंजाब विधानसभा चुनाव में चुनाव अभियान प्रबंधन और समन्वय के लिए विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। पार्टी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दोनों नेताओं की नियुक्ति की।
कांग्रेस पार्टी की ओर से जारी बयान में इन दोनों नेताओं की भूमिका के बारे में भी सूचना दी गई है। बयान के मुताबिक ये दोनों नेता कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी के साथ समन्वय बनाकर काम करेंगे। दरअसल, टिकट बंटवारे के बाद से ही कांग्रेस पार्टी की मुश्किल और ज्यादा बढ़ गई। टिकट कटने वाले नेताओं ने हरीश चौधरी की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस पार्टी ने इस कदम के जरिए डैमेज को कंट्रोल करने की कोशिश की है।
- सबकुछ नहीं है ठीक
कांग्रेस ने इससे एक दिन पहले लुधियाना से सांसद रवनीत सिंह बिट्टू को भी अहम जिम्मेदारी दी है। रवनीत सिंह बिट्टू को पंजाब विधानसभा चुनाव मैनेजमेंट कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है। रवनीत सिंह बिट्टू के भी कांग्रेस से नाराज चलने की खबरें सामने आ रही थीं। पंजाब में कांग्रेस पार्टी ने चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम का चेहरा बनाया है। सभी नेताओं ने राहुल गांधी के सामने पार्टी के इस फैसले का समर्थन किया है। लेकिन अंदर खाते कांग्रेस पार्टी के भीतर सबकुछ ठीक नहीं है। पंजाब की सभी 117 विधानसभा सीटों के लिए 20 फरवरी को मतदान होगा। मतगणना 10 मार्च को होगी।