चंडीगढ़, 27 अगस्त। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की नाखुशी के बावजूद असंतुष्ट नेता नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के बावजूद राज्य में पार्टी की अंदरूरी कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। इसी कड़ी में विवादित बयानों के बाद चौतरफा घिरे सिद्धू के दो सलाहकारों में एक मलविंदर सिंह माली ने अपने से इस्तीफा दे दिया है।
राज्य कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने सिद्धू से एक्शन लेने को कहा था
गौरतलब है कि सलाहकार का पद संभालने के बाद मलविंदर ने कई ऐसे बयान दिए थे, जिनपर बवाल मच गया था। नौबत यहां तक आ पहुंची कि पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने सिद्धू से अपने सलाहकारों को हटाने के लिए कहा था।
मलविंदर सिंह माली ने अपने इस्तीफे में कहा है, ‘मैं पूरी तरह से मानता हूं कि जम्मू-कश्मीर भारत का ही हिस्सा है, लेकिन अनुच्छेद 370 और 35ए को लेकर मेरा मानना है कि इन्हें जिस तरह से हटाया गया, वह संविधान का उल्लंघन है।’
उन्होंने कहा, ‘भारत का संविधान उन्हें अलग राय रखने का भी अधिकार देता है। मैं उन सभी याचिकाओं का समर्थन करता हूं, जिसमें केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले को चुनौती दी गई है।’
मलविंदर ने दिए थे कई विवादित बयान
ज्ञातव्य है कि मलविंदर सिंह माली ने सबसे पहले जम्मू-कश्मीर को लेकर बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कश्मीर मसले को संयुक्त राष्ट्र में होने की बात कही थी। इसके अलावा उन्होंने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी से जुड़ा एक विवादित कार्टून साझा किया था। साथ ही हाल ही में उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके साथियों की तुलना ‘अली बाबा और 40 चोरों’ से कर डाली थी।
सिद्धू बोले – दार्शनिक घोड़ा बनकर नहीं रहना चाहता, ईंट से ईंट बजा दूंगा
फिलहाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यभार संभालने के बावजूद सिद्धू के तेवर कैप्टन के खिलाफ कमजोर नहीं पड़े हैं और उनके कृत्यों से यही नजर आता है कि उनकी नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर ही है। गुरुवार को ही उन्होंने अमृतसर में एक कार्यक्रम के दौरान सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि यदि पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष रहते हुए उन्हें फैसले लेने की छूट नहीं दी गई, तो वह ईंट से ईंट बजा देंगे। उनका यह भी कहना था कि वह दार्शनिक घोड़ा बनकर नहीं रहना चाहते।