नई दिल्ली, 2 मार्च। बीते कुछ समय से उत्तरी राज्य पंजाब सुरक्षा की दृष्टि से एजेंसियों के रडार पर है। खालिस्तान समर्थकों की बढ़ती घटनाओं और राज्य में लगातार हो रही गतिविधियों के मद्देनजर केंद्र सरकार जल्द ही राज्य में कोई बड़ा कदम उठा सकती है। इस बात के संकेत इस तथ्य से मिले हैं कि राज्य में सीआरपीएफ और आरएएफ की 18 कम्पनियां भेजी जा रही हैं। ये सुरक्षा बल छह से 16 मार्च तक पंजाब में डेरा जमाए रहेंगे।
इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की। इससे पहले ही सीआरपीएफ मुख्यालय की ओर से एक मार्च को जारी आदेश में कहा गया है कि पंजाब में जो कम्पनियां भेजी जाएंगी, उनमें 10 कम्पनियां सीआरपीएफ और आठ कम्पनियां आरएएफ की रहेंगी। सीआरपीएफ की 10 कम्पनियां झारखंड सेक्टर से पंजाब के लिए रवाना की जा रही हैं। इन कम्पनियों को कहा गया है कि वे सभी प्रकार के दंगारोधी उपकरणों, ओपी स्केल आर्म्ज व गोला-बारूद से लैस रहें।
गौरतलब है कि बीते दिनों अजनाला में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में थाने पर हमला किया गया था। पंजाब सरकार और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को इस बात का शक है कि आने वाले समय में ऐसी और घटनाए हो सकती हैं। दरअसल खालिस्तान समर्थक अमृतपाल ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ 23 फरवरी अजनाला पुलिस स्टेशन पर कब्जा कर लिया था। हथियारों तलवारों व बंदूकों के साथ समर्थकों ने पुलिस पर भी हमला किया था।
खुफिया एजेंसियों को अमृतपाल सिंह पर हमले की आशंका
इस बीच खुफिया एजेंसियों को अमृतपाल सिंह पर हमले की आशंका है। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि अमृतपाल पर हमले की आशंका है और इस संबंध में पंजाब पुलिस को अलर्ट जारी किया गया है। एजेंसियों का मानना है कि पंजाब को एक बार फिर से सुलगाने की साजिश रची जा रही है। अमृतपाल सिंह पर किसी भी हमले को लेकर उनके समर्थक भड़क सकते हैं, लिहाजा देश विरोधी तत्वों की कोशिश है कि अमृतपाल को निशाने पर लिया जाए। केंद्रीय खुफिया जांच एजेंसियों ने आशंका जताई है कि पंजाब में अशांति फैलाने के लिए देश विरोधी ताकतें ऐसी साजिश रचने की तैयारी में हैं।