चंडीगढ़, 11 अगस्त। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के शनिवार, 12 अगस्त को प्रस्तावित चुनाव पर 28 अगस्त तक रोक लगा दी है। हरियाणा की दो कुश्ती संघों के बीच कुछ दिनों से विवाद चल रहा था, जिसपर हरियाणा हाई कोर्ट ने यह बड़ा फैसला किया है।
चुनाव को लेकर पहलवानों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का फैसला भी किया था। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस राजधानी दिल्ली स्थित राजघाट पर होनी थी। लेकिन पुलिस ने राजघाट पर 144 धारा लगा दी। इस बात की जानकारी विनेश फोगाट ने ट्विटर पर दी थी, जिसमें उन्होंने साफ किया था कि उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से रोका जा रहा है।
हाई कोर्ट ने क्यों लगाई रोक?
दरअसल हरियाणा रेसलिंग एसोशियन ने हरियाणा व पंजाब हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसपर सुनवाई के बाद यह फैसला हुआ। याचिका में बताया गया है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव में उनके स्थान पर हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ को प्राथमिकता दी गई है। वहीं, हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ इस पर सफाई दे रहा है। उसका मानना है कि वह रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया से एफिलिएटड हैं।
चुनावी मैदान में 15 पदों पर 30 उम्मीदवार
डब्ल्यूएफआई चुनाव में चार उम्मीदवार अध्यक्ष पद पर जबकि तीन वरिष्ठ उपाध्यक्ष, 6 उपाध्यक्ष, तीन महासचिव, दो कोषाध्यक्ष, संयुक्त सचिव और 9 उम्मीदवार कार्यकारी सदस्य पद के लिए मैदान में हैं। 15 पदों पर 30 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है। अध्यक्ष पद पर एक महिला ने भी आवेदन किया है।
अध्यक्ष पद पर संजय सिंह के नामांकन को लेकर मामला कोर्ट पहुंचा था। संजय को कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे बृजभूषण शरण सिंह का करीबी बताया जाता है। उनकी उम्मीदवारी के खिलाफ बजरंग पुनिया सहित प्रदर्शनकारी पहलवानों ऐतराज जताया था। उन्होंने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से भी मुलाकात कर यह मुद्दे उठाया था।
अध्यक्ष पद पर अनीता श्योराण का समर्थन कर रहे प्रदर्शनकारी पहलवान
प्रदर्शनकारी पहलवान अध्यक्ष पद की एकमात्र महिला उम्मीदवार अनीता श्योराण का समर्थन कर रहे हैं। अनीता राष्ट्रमंडल खेलों की पूर्व स्वर्ण पदक विजेता और बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में गवाह हैं। डब्ल्यूएफआई कार्यकारी समिति के सदस्यों की सूची में एकमात्र महिला उम्मीदवार अनीता श्योराण ओडिशा का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।
डब्ल्यूएफआई चुनाव पर पहले भी लग चुकी है रोक
गौरतलब है कि कुश्ती महासंघ के चुनाव पर इससे पहले भी रोक लग चुकी है। गुवाहाटी हाईकोर्ट ने असम कुश्ती संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए डब्ल्यूएफआई के 11 जुलाई को होने वाले चुनाव पर रोक लगा दी थी। तब असम कुश्ती संघ ने डब्ल्यूएफआई, आईओए, एडहॉक समिति और खेल मंत्रालय के खिलाफ दायर याचिका में कहा था कि वह डब्ल्यूएफआई का मान्यता प्राप्त सदस्य होने का हकदार है, लेकिन उसे मान्यता नहीं दी गई है।
असम कुश्ती संघ ने दावा किया था कि डब्ल्यूएफआई की कार्यकारी समिति ने 15 नवम्बर, 2014 को गोंडा में फेडरेशन की जनरल काउंसिल के समक्ष असम कुश्ती संघ को मान्यता देने की सिफारिश की थी, लेकिन मान्यता देने से इनकार कर दिया गया था। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने गत 18 जुलाई को गुवाहाटी हाई कोर्ट का फैसला पलटते हुए चुनाव का रास्ता साफ किया था।