चंडीगढ़, 8 मई। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने शनिवार देर रात निर्देश दिया कि भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम न उठाया जाए। इससे पहले दिल्ली भाजपा के नेता ने मोहाली की एक अदालत द्वारा दिन में जारी गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
बग्गा ने मोहाली की अदालत से जारी गिरफ्तारी वारंट को हाई कोर्ट में दी थी चुनौती
पंजाब पुलिस द्वारा पिछले महीने बग्गा के खिलाफ दर्ज एक मामले के संबंध में मोहाली की अदालत द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी करने के कुछ घंटों बाद बग्गा ने इसे चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का रुख किया था। जस्टिस अनूप चितकारा ने मध्यरात्रि से ठीक पहले अत्यावश्यक आधार पर बग्गा की याचिका पर अपने आवास पर सुनवाई की। बग्गा के वकील चेतन मित्तल ने हाई कोर्ट के आदेश पर कहा, ’10 मई तक कोई दंडात्मक कदम नहीं।’
हाई कोर्ट भाजपा नेता बग्गा की उस याचिका पर 10 मई को विचार करेगा, जिसमें पिछले महीने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद करने की अपील की गई है। मित्तल ने बताया कि अदालत ने लगभग 45 मिनट तक चली सुनवाई के बाद गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगा दी है।
पिछले माह दर्ज एक मामले में बग्गा के खिलाफ जारी किया गया था गिरफ्तारी वारंट
इससे पहले दिन में न्यायिक दंडाधिकारी रावतेश इंद्रजीत सिंह की अदालत ने पिछले महीने दर्ज एक मामले में बग्गा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। पंजाब पुलिस ने भड़काऊ बयान देने, दुश्मनी को बढ़ावा देने और आपराधिक धमकी देने के आरोप में तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ मोहाली निवासी आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सनी अहलूवालिया की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया था। एक अप्रैल को दर्ज प्राथमिकी में 30 मार्च की बग्गा की टिप्पणी का उल्लेख है, जो उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर भाजपा युवा मोर्चे के विरोध प्रदर्शन के दौरान की थी।
तेजिंदर बग्गा को पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को दिल्ली स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया था। हालांकि बग्गा को पंजाब ले जा रहे पुलिसकर्मियों को हरियाणा में रोक लिया गया था, जिसके बाद दिल्ली पुलिस उन्हें वापस दिल्ली ले आई थी।