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यात्रियों को रनवे पर बैठाकर खाना खिलाने की सजा : IndiGo पर 1.2 करोड़, मुंबई एयरपोर्ट पर 90 लाख का जुर्माना

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नई दिल्ली, 17 जनवरी। उड़ान विलम्बित होने के कारण कुछ यात्रियों को मुंबई एयरपोर्ट पर रनवे के पास बैठकर खाना खाने की अनुमति देना न सिर्फ निजी एयरलाइन IndiGo वरन मुंबई एयरपोर्ट को भारी गुजरा क्योंकि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने इस मामले सख्त रुख अपना लिया है। इस क्रम में IndiGo पर 1.2 करोड़ और मुंबई एयरपोर्ट पर 90 लाख रुपये जुर्माना ठोक दिया गया है।

किसी भी एयरलाइन पर लगा यह अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना

दरअसल, BCAS ने इंडिगो को 1.2 करोड़ रुपये और मुंबई एयरपोर्ट को 60 लाख रुपये चुकाने को कहा है। मुंबई एयरपोर्ट पर डीजीसीए ने भी 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इस तरह मुंबई एयरपोर्ट दोनों इकाइयों को कुल मिलाकर 90 लाख रुपये देने होंगे। वहीं इंडिगो पर लगा 1.2 करोड़ का जुर्माना किसी भी एयरलाइन पर लगा अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना है।

गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर बीते दिनों एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें मुंबई एयरपोर्ट पर इंडिगो की फ्लाइट के बाहर रनवे पर कुछ यात्री जमीन पर बैठकर खाना खा रहे थे। आरोप था कि कोहरे की वजह से फ्लाइट में देरी हो गई थी और बाद में यात्रियों को रनवे पर बैठाकर खाना खिलाया गया। हालांकि बाद में इंडिगो ने माफी भी मांगी थी। इंडिगो ने कहा था कि यात्री दरअसल फ्लाइट से दूर नहीं जाना चाहते थे, जिस वजह से उन्हें वहीं खाना सर्व किया गया।

इंडिगो और मुंबई एयरपोर्ट को पहले ही जारी की गई थी नोटिस

इंडिगो और मुंबई एयरपोर्ट को कारण बताओ नोटिस पहले ही जारी की गई थी। इंडिगो ने अपने जवाब में बताया था कि एयरलाइंस को इस बारे में पता था। लेकिन उसने कोई उचित एक्शन नहीं लिया। वहीं DGCA ने माना कि मुंबई एयरपोर्ट रनवे के आसपास अनुशासन बनाए रखने में विफल रहा। माना गया कि एयरपोर्ट ने यात्रियों की सुरक्षा के प्रति सही रवैया नहीं अपनाया।

स्पाइसजेट और एअर इंडिया पर भी फाइन

DGCA ने इसके अलावा SpicJet और एअर इंडिया पर भी फाइन लगाया है। दोनों को 30-30 लाख रुपये भरने को कहा गया है। दिल्ली में कोहरे की वजह से इनकी फ्लाइट्स लेट हुई थीं। कोहरे को लेकर इनकी तैयारी नहीं थी, इस वजह से DGCA ने इनपर जुर्माना लगाया है। इन एयरलाइंस पर आरोप है कि इन्होंने कोहरे के दिनों में CAT III प्रशिक्षित पायलट्स को ड्यूटी पर नहीं लगाया था, जिनको कम रोशनी में भी फ्लाइट उड़ाने की ट्रेनिंग होती है।

 

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