जयपुर, 24 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि यह कहना ‘‘गलत’’ है कि वह यह पद छोड़ने के बाद ही 2019 के पुलवामा आतंकी हमले को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बयान के बाद सोमवार को मलिक की यह टिप्पणी आई। शाह ने कहा था, ‘‘हमसे अपना रास्ता अलग करने के बाद वह आरोप लगा रहे हैं’’।
उन्होंने राजस्थान के सीकर में पत्रकारों से कहा, ‘‘यह कहना गलत है कि मैं यह मुद्दा तब उठा रहा हूं जब मैं सत्ता में नहीं हूं।’’ मलिक ने कहा कि उन्होंने यह मुद्दा हमले के दिन भी उठाया था। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में फरवरी 2019 में सुरक्षा बलों के काफिले पर आतंकवादी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे। मलिक उस वक्त जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे।
उन्होंने इस हमले के सिलसिले में हाल में खुफिया सूचना की नाकामी का आरोप लगाया था और यह भी कहा था कि केंद्र सरकार ने सुरक्षाकर्मियों की आवाजाही के लिए विमान देने से इनकार कर दिया था। पिछले सप्ताह शाह से जब इस आरोप के बारे में पूछा गया कि क्या मलिक को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का हालिया समन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना से जुड़ा है, तब उन्होंने कहा था कि इस तरह के आरोप सही नहीं है क्योंकि मलिक को जांच एजेंसी ने पहले भी बुलाया था।