Site icon hindi.revoi.in

भाजपा ज्वॉइन करने की अटकलों के बीच शिवपाल यादव ने की समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग

Social Share

लखनऊ, 15 अप्रैल। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही समाजवादी पार्टी के मुखिया और अपने भतीजे अखिलेश यादव से नाराज चल रहे शिवपाल यादव की ओर से हालांकि अब तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन उनकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़ने की अटकलें तेज होती जा रही हैं। इन हवाओं के बीच शिवपाल ने भी देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की पैरवी कर दी है।

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने आंबेडकर जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि समान नागरिक संहिता लागू करने का सही समय आ गया है। ‘राष्ट्रीयता और समाजवाद’ विषय पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि आंबेडकर और लोहिया दोनों ने समाजवाद की खुली पैरवी की थी। राम मनोहर लोहिया ने तो वर्ष 1967 के चुनाव में इसे मुद्दा भी बनाया था।

उल्लेखनीय है कि समान नागरिक संहिता लागू हुआ तो सभी धर्मों के लिए एक ही कानून का पालन अनिवार्य हो जाएगा। फिलहाल हर धर्म का अपना अलग कानून है और वह उसी हिसाब से चलता है।

प्रसपा की प्रदेश कार्यकारिणी और राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक प्रकोष्ठ भंग

इस बीच शुक्रवार को शिवपाल के भाजपा में जाने की चर्चाओं को उस समय और बल मिला, जब उनकी प्रसपा ने अपनी प्रदेश कार्यकारिणी तथा राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक प्रकोष्ठों की सभी कार्यकारिणियों और संपूर्ण प्रवक्ता मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया।

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आदित्य यादव द्वारा की ओर से जारी आदेश में कहा गया, ‘प्रसपा ने अपनी प्रदेश कार्यकारिणी तथा राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक प्रकोष्ठों की सभी कार्यकारिणियों और संपूर्ण प्रवक्ता मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है।’

दो हफ्ते के अंदर पार्टी की सभी ईकाइयों का पुनर्गठन कर लिया जाएगा

हालांकि, प्रसपा के वरिष्ठ नेता दीपक मिश्र ने इसे सामान्य संगठनात्मक प्रक्रिया बताया है। मिश्र ने कहा कि सभी ईकाइयों को भंग किया जाना विधानसभा चुनाव के बाद की एक सामान्य प्रक्रिया है। हालांकि, यह कदम इस समय उठाया गया है इसीलिए इसे लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगले दो हफ्ते के अंदर पार्टी की सभी ईकाइयों का पुनर्गठन कर लिया जाएगा।

Exit mobile version