नई दिल्ली, 1 फरवरी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अपने बजट भाषण में घोषणा की कि ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ से एक करोड़ परिवारों को हर माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिल सकेगी, जिससे उन्हें सालाना 18,000 रुपये तक की बचत होगी।
ऐसे परिवारों को सालाना 18,000 रुपये तक की बचत होगी
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छतों पर सौर ऊर्जा इकाई लगाने के लक्ष्य के साथ ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ शुरू किए जाने की घोषणा की थी। उन्होंने अयोध्या में गत 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से लौटने के बाद एक करोड़ घरों में सौर इकाई लगाने की योजना लाने की बात कही थी।
सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि छतों पर सौर इकाई लगाने से एक करोड़ परिवार हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली पाने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि यह योजना अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक दिन पर लिए गए प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करती है। उन्होंने कहा, ‘मुफ्त सौर बिजली के इस्तेमाल और बची हुई बिजली वितरण कम्पनियों को बेचने से परिवारों को सालाना 15,000-18,000 रुपये तक की बचत होगी।’
यह योजना इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग में भी सहायता करेगी
यह योजना इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग में भी सहायता करेगी। इसके अलावा सौर इकाइयों की आपूर्ति एवं स्थापना के लिए बड़ी संख्या में विक्रेताओं के लिए उद्यमशीलता के अवसर और तकनीकी कौशल वाले युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
वित्त मंत्री ने वर्ष 2070 तक ‘शुद्ध-शून्य’ उत्सर्जन के लिए भारत की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए कहा कि अपतटीय पवन ऊर्जा के दोहन के लिए व्यवहार्यता अंतर का वित्तपोषण किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘एक गीगावाट की शुरुआती क्षमता के लिए अपतटीय पवन ऊर्जा क्षमता के दोहन के लिए व्यवहार्यता अंतर निधि मुहैया कराई जाएगी।’
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार भारत में सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता 73 गीगावाट से अधिक है। इसी तरह देश में पवन ऊर्जा क्षमता लगभग 45 गीगावाट है। भारत ने वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी बुधवार को अपने अभिभाषण में कहा था कि पिछले 10 वर्षों में गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता 81 गीगावाट से बढ़कर 188 गीगावाट हो गई है।