नई दिल्ली, 31 मई। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कोरोना महामारी के बीच अपने करोड़ों खाताधारकों को लगातार दूसरे वर्ष राहत प्रदान की है। ईपीएफओ की नई घोषणा के तहत उन खाताधारकों को लगातार दूसरे वर्ष नॉन रिफंडेबल कोविड-19 एडवांस निकालने की इजाजत दी गई है, जिन्होंने पिछले वर्ष भी कोविड फंड के तहत पैसे निकाल थे।
ईपीएफओ खाताधारकों के लिए यह प्रावधान कोरोना के चलते मार्च, 2020 में प्रधानमंत्री गरीब कल्याणा योजना के तहत लाया गया था, ताकि महामारी के दौरान वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए वे पैसे निकाल सकें। इस प्रावधान की खास बात यह है कि इसमें पैसे फिर ईपीएफओ को लौटाने नहीं होंगे।
इस प्रावधान के तहत खाताधारक अपने भविष्य निधि खाते में जमा राशि का 75% या तीन महीने के वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ता) के बराबर राशि में जो कम हो, उतनी रकम निकासी कर सकते हैं। सदस्य जरूरत के अनुसार इससे कम पैसे के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
कोविड-19 एडवांस के तौर पर अब तक 18 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान
सच पूछें तो कोरोना महामारी के दौरान कोविड एडवांस से ईपीएफओ सदस्यों को बड़ी राहत मिली है, खासतौर पर जिनका वेतन 15 हजार रुपये से कम है। ईपीएफओ के अनुसार अब तक 76.31 लाख कोविड-19 एडवांस क्लेम के एवज में 18,698.15 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।