लेह, 24 सितम्बर। केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर जारी आंदोलन हिंसा और टकराव में बदल गया। इस क्रम में प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच झड़प हो गई। वहीं प्रदर्शनकारियों ने यहां भाजपा कार्यालय में आग लगा दी।
वांगचुक ने युवाओं से की हिंसा रोकने की अपील
इस बीच प्रसिद्ध जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने 15 दिनों बाद अपना उपवास तोड़ते हुए युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि किसी भी प्रकार की आगजनी या झड़प से आंदोलन की नैतिकता कमजोर होगी।
वांगचुक ने अपने समर्थकों से कहा, ‘मैं युवाओं से अपील करता हूं कि आगजनी और झड़पों को बंद करें। हम अपना उपवास खत्म कर रहे हैं और प्रशासन से भी आग्रह है कि आंसू गैस के गोले चलाना बंद करे। कोई भी भूख हड़ताल तब तक सफल नहीं होती, जब तक किसी की जान संघर्ष में जाती है।’
LAB और KDA बिना समाधान हड़ताल पर अडिग
वहीं LAB और KDA का कहना है कि वे बिना समाधान के भूख हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। LAB के सह-अध्यक्ष चेयरिंग दोरजे ने हाल ही में कहा था, ‘हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण है, लेकिन देरी से लोग अधीर हो रहे हैं। हमने सरकार से कहा है कि समझौते तक हम उपवास खत्म नहीं करेंगे।’
इसके पूर्व आज लेह में बंद और विरोध प्रदर्शन के दौरान हालात बिगड़ गए। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा कार्यालय में आग लगा दी इसके अलावा कई वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि कुछ युवाओं के पथराव करने और सुरक्षा बलों पर हमला करने के बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और लाठीचार्ज का इस्तेमाल करना पड़ा। हालात संभालने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं।
लद्दाख मसले पर 6 अक्टूबर को गृह मंत्रालय की अगली बैठक
यह आंदोलन लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर जारी है। लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (KDA) कई दौर की बातचीत पहले ही कर चुके हैं, लेकिन ठोस नतीजा सामने नहीं आया। गृह मंत्रालय ने अब अगली बैठक छह अक्टूबर को तय की है।
इसी बीच LAB के कई नेताओं ने केंद्र सरकार पर तारीख थोपने का आरोप भी लगाया। उनका कहना है कि वार्ता का समय तय करने में दोनों पक्षों की सहमति होनी चाहिए थी। विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों ने भी उपवास की कठिन परिस्थितियों का जिक्र किया है क्योंकि ऊंचाई वाले इलाके में बिना भोजन रहना बेहद चुनौतीपूर्ण है।

