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पहलवानों के समर्थन में संयुक्त किसान मोर्चा का विरोध प्रदर्शन आज, जंतर-मंतर पहुंच रहे किसान, दिल्ली में कड़ी सुरक्षा

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नई दिल्ली, 7 मई। राष्ट्रीय राजधानी के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे कुछ पहलवानों के समर्थन में दो किसान संघों के रविवार और सोमवार को दिल्ली कूच करने की घोषणा के मद्देनजर धरना स्थल और दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा इंतजाम कड़े कर दिए गए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शनिवार को एलान किया था कि वह भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कुछ पहलवानों के समर्थन में राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेगा।

समर्थकों के साथ जंतर-मंतर पहुंचे राकेश टिकैत

इस बीच संयुक्त किसान मोर्च के नेता राकेश टिकैत अपने समर्थकों के साथ पहलवानों के धरना स्थल पर पहुंच गए हैं। उनके साथ दर्शन पाल, हनान मोल्लाह जैसे नेता भी पहुंचे। एसकेएम ने पहलवानों को समर्थन देने की घोषणा की और मोदी सरकार व बृजभूषण का पुतला जलाने की भी घोषणा की। नेता बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।

BKU ने किया अर्थियां फूंकने का एलान

वहीं पंजाब से कार्यकर्ताओं को लेकर पहुंचे संगठन बीकेयू उगराहां ने एलान किया है कि वह 11 मई से 18 मई के बीच देशभर में मोदी सरकारऔर बृजभूषण की अर्थी जलाएगा। अर्थियां जलाने की घोषणा संगठन के जोगिंदर उगराहां ने की है।

इसके पूर्व अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने किसानों की यात्रा से पहले जंतर-मंतर के आसपास और शहर की सीमाओं पर सुरक्षा इंतजाम करने की योजना बनाई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल की यात्रा को लेकर जंतर-मंतर के नजदीक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी।

एक बयान में कहा गया है कि रविवार को पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से संयुक्त किसान मोर्चा के कई वरिष्ठ नेताओं के सैकड़ों किसानों के साथ जंतर मंतर पर आने की योजना है तथा वे पहलवानों को समर्थन देंगे। एसकेएम ने सिंह की तुरंत गिरफ्तारी की भी मांग की। वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) ने शुक्रवार को कहा था कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष के खिलाफ काररवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के समर्थन में बड़ी संख्या में किसान आठ मई को जंतर-मंतर पर एकत्र होंगे।

गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) केंद्र सरकार द्वारा लाए गए और बाद में वापस लिए जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से अलग हुआ गुट है। एसकेएम कई किसान संगठनों का संयुक्त मोर्चा है।

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