हरिद्वार, 11 मार्च। सहारा इंडिया और उसकी सहायक कम्पनियों की जमीनों की बिक्री और खरीद पर रोक लगा दी गई है। हरिद्वार जिला प्रशासन की ओर से करीब पांच संपत्तियों पर यह रोक लगाई गई है। इसकी बाजार मूल्य 2.77 अरब रुपये आंका जा रहा है।
यह काररवाई शासन की ओर से मिले आदेश पर हरिद्वार जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने की है। सहारा इंडिया की जमीन पर रोक के बाद कई सवाल भी उठ रहे हैं। जमीन की खरीद-फरोख्त मामले की जांच की मांग की गई।
पूर्व सीएम हरीश रावत नियमों की घोर अवहेलना का लगाया आरोप
पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत ने कहा कि हरिद्वार बहादराबाद स्थित सहारा की जमीन खरीद-फरोख्त की जांच होनी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नियमों की घोर अवहेलना हुई है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि डीएम की ओर से रोक लगाने से कुछ ही घंटे पहले रजिस्ट्री हो गई। इससे साफ है कि कोई महत्वपूर्ण व्यक्ति था, जिसने जानकारियां लीक की हैं। शासन के अधिकारी भी संदेह के घेरे में है।
टाउनशिप बनाने की थी तैयारी
बताया जा रहा है कि अरबों की कीमत वाली इस जमीन को लेकर तहसील हरिद्वार के अधिकारियों ने निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट एसडीएम को दी थी। संपत्ति पर एक बिल्डर टाउनशिप विकसित करने की तैयारी में था।
औने-पौने दामों पर जमीन बेचने की शिकायत
शासन को शिकायत मिली थी कि सहारा इंडिया निवेशकों की गाढ़ी कमाई से ली गई बहादराबाद हरिद्वार स्थित भूमि को औने-पौने दामों में बेचकर भागने की फिराक में है। सहारा इंडिया के निवेशकर्ताओं द्वारा सहारा कम्पनी के नाम दर्ज भूमि की खतौनी भी प्रस्तुत की गई है।