Site icon hindi.revoi.in

काशी पत्रकार संघ में हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर बोले प्रो. अनुराग दवे – तकनीकी में बदलाव से हिन्दी पत्रकारिता प्रभावित

Social Share

वाराणसी, 30 मई। देश के सर्वाधिक पुराने पत्रकार संगठनों में एक काशी पत्रकार संघ ने गुरुवार को यहां पराड़कर स्मृति भवन  में हिन्दी पत्रकारिता दिवस मनाया। इस अवसर पर आयोजित ‘पत्रकारिता से मीडिया तक का सफर’ विषयक संगोष्ठी में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के पत्रकारिता व जनसंप्रेषण विभाग के प्रोफेसर अनुराग दवे ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हिन्दी भाषा और हिन्दी पत्रकारिता दोनों का विकास एक साथ समन्वित है। हालांकि तकनीकी में बदलाव ने हिन्दी पत्रकारिता को प्रभावित किया है।

प्रो. दवे ने कहा कि मौजूदा हिन्दी पत्रकारिता पर बाजारवाद की झलक भी दिखती है। कीमतवार और विज्ञापनदाता ने भी असर डाला है। इन सबके आलोक में यह जरूरी हो गया है कि समाचार पत्र सीमा निर्धारण करें। सोशल मीडिया के कारण भी लेखन के स्वरूप में बदलाव आया है, लेकिन तथ्य संग्रहण की क्षमता आज भी जरूरतों की ओर मजबूती से इंगित करती है।

भाषा के प्रति मजबूती से चेतना जागृत करने की जरूरत – प्रो. हरिकेश सिंह

पूर्व कुलपति प्रोफेसर हरिकेश सिंह ने इस अवसर पर कहा कि भाषा के प्रति अपनी चेतना को मजबूती से जागृत करने की जरूरत है। संगठित चेतना से मीडिया को सर्वहितकारी बनाना होगा। पूर्व कुलपति प्रो. राममोहन पाठक ने कहा कि पत्रकारिता की मूल आत्मा तो संघर्ष की रही। संकट और संस्कार की पृष्ठभूमि में अपनी लोकशिक्षा परम्परा को और ऊर्जित करना होगा।

विजय नारायण बोले – हिन्दी पत्रकारिता से हिन्दी को काफी संबल मिला

समाजवादी चितंक विजय नारायण ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता से हिन्दी को काफी संबल मिला। इस संबल को और बलवान करने के लिए जनआंदोलन की जरूरत है। प्रो. सतीश राय ने पत्रकारिता का चरित्र और संस्कार बनाये रखने पर जोर दिया। संघ के पूर्व अध्यक्ष योगेश कुमार गुप्त ने जहां सकारात्मकता को स्वीकारने पर बल दिया वहीं योगेंद्र नारायण शर्मा ने पत्रकारों की समस्याओं को लेकर आवाज उठाने की बात कही। पूर्व अध्यक्ष सुभाष चंद्र सिंह, डॉ. कवींद्र नारायण व दीपेश चंद्र चौधरी आदि ने भी विचार रखे।

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए काशी पत्रकार संघ के अध्यक्ष डॉ. अत्रि भारद्वाज ने कहा कि आज के बदलते दौर में भी समाचारों के नियंत्रित लेखन अर्थात उसकी मूल भावना को बनाए रखना जरूरी है। विषय स्थापना संघ के उपाध्यक्ष डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह ने की। स्वागत और संचालन संघ के महामंत्री अखिलेश मिश्र व धन्यवाद ज्ञापन वाराणसी प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरुण मिश्र ने किया।

काशी पत्रकार संघ की वेबसाइट लॉन्च

अतिथियों ने संगोष्ठी के अंत में काशी पत्रकार संघ की वेबसाइट भी लॉन्च की। इस अवसर पर संघ के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ तिवारी, उमेश गुप्ता, डॉ. अजय कृष्ण चतुर्वेदी, वाराणसी प्रेस क्लब के मंत्री विनय शंकर सिंह, ओंकारनाथ उपाध्याय, मुन्ना लाल साहनी, आशुतोष पाण्डेय, अरुण सिंह, जय शंकर जय, विमलेश चतुर्वेदी आदि उपस्थित रहे।

Exit mobile version