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मानसून सत्र : संसद की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, लोकसभा स्पीकर ने विपक्ष को लगाई लताड़

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नई दिल्ली, 21 अगस्त। विपक्ष के जबर्दस्त हंगामे के बीच संसद के दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत 21 जुलाई से हुई थी और आज आखिरी दिन था।

कुल मिलाकर देखें तो संसद का मानसून सत्र बिहार SIR सहित अन्य मुद्दों को लेकर विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया क्योंकि दोनों सदनों की कार्यवाही निर्धारित अवधि से बहुत ही कम चली। इसके लिए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और पीएम नरेंद्र मोदी ने निराशा जताई है।

लोकसभा में सिर्फ 37 घंटे ही चर्चा हो सकी

लोकसभा की कार्यवाही एकबार के स्थगन के बाद मध्याह्न 12 बजे भी शुरू नहीं हो सकी। अंततः लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की। बिरला ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान सिर्फ 37 घंटे ही चर्चा हो सकी, जिसमें 12 विधेयक पारित हुए और 55 सवालों के ही मौखिक जवाब दिए गए। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सदन में मौजूद रहे।

चर्चा के लिए 120 घंटे आवंटित किए गए थे

विपक्ष के हंगामे के बीच स्पीकर ओम बिरला ने सदन को स्थगित करने की सूचना देते हुए पिछले एक महीने में हुए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चर्चा के लिए 120 घंटे आवंटित किए गए थे। हालांकि, विपक्षी सदस्यों की ओर से बार-बार व्यवधान के कारण सिर्फ 37 घंटे ही उपयोग किए जा सके। 419 तारांकित प्रश्न प्रस्तुत किए गए थे, फिर भी सिर्फ 55 का ही उत्तर दिया गया।

 

पूरे सत्र में 14 विधेयक पेश किए गए

स्पीकर ने बताया कि पूरे सत्र में 14 विधेयक पेश किए गए और 12 पारित हुए, जिनमें आयकर विधेयक, कराधान कानून (संशोधन) विधेयक और राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक शामिल हैं। ऑनलाइन गेमिंग विनियमन विधेयक भी पारित हुआ। हालांकि, संविधान में 130वें संशोधन विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया।

28 से 29 जुलाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर हुई एक विशेष चर्चा

ओम बिरला ने सदन को जानकारी दी कि 28-29 जुलाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर एक विशेष चर्चा हुई, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने सदन को संबोधित किया। 18 अगस्त को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियों पर विशेष चर्चा की गई।

विपक्ष का आचरण लोकतंत्र के मूल्यों के अनुरूप नहीं रहा

विपक्षी सांसदों ने पीएम मोदी की मौजूदगी में बिहार SIR के मुद्दे पर लोकसभा में जमकर नारेबाजी की। विपक्षी सांसदों के हंगामे पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सांसदों को लताड़ लगाई और कहा कि सदन में विपक्ष का आचरण लोकतंत्र के मूल्यों के अनुरूप नहीं रहा। ये संसद की गरिमा के अनुसार नहीं है। उन्होंने कहा कि देश की जनता देख रही है कि किस तरह से अहम मुद्दों पर चर्चा को बाधित किया जा रहा है।

राज्यसभा में सिर्फ 38 फीसदी कामकाज हो सका

राज्यसभा का 268वां सत्र अपराह्न तीन बजे के पहले वंदे मातरम् की धुन के साथ अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। सत्र के दौरान जहां बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन परीक्षण (SIR) के मुद्दे पर चर्चा को लेकर विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लगातार गतिरोध बना रहा, वहीं हंगामे के बीच कई महत्वपूर्ण विधेयकों को संक्षिप्त चर्चा के बाद पारित करवाया गया।

सत्र के दौरान मात्र 38 प्रतिशत ही कामकाज हो पाया। उप सभापति हरिवंश ने सत्र के अंत में अपनी टिप्पणी में कहा कि हंगामे के कारण सदन में केवल 41 घंटे 15 मिनट कामकाज हो पाया और सदन का कामकाज केवल 38.88 प्रतिशत रहा, जो बहुत निराशाजनक है।

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