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फलस्तीन में युद्धविराम पर हुई वोटिंग में भारत की अनुपस्थिति पर प्रियंका गांधी ने जताई गहरी नाराजगी

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नई दिल्ली, 28 अक्टूबर। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने फलस्तीन में युद्धविराम पर हुई वोटिंग में भारत की अनुपस्थिति पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि मानवीय मूल्यों की रक्षा हमारे सिद्धांत में रहा है और फलस्तीन में युद्धविराम के मुद्दे पर चुप रहकर हमारी सरकार ने गलत किया है।

‘मैं शर्मिंदा हूं कि हमारा देश गाजा में युद्धविराम के लिए हुए मतदान में अनुपस्थित रहा’

प्रियंका ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उद्दृत करते हुए कहा “आंख के बदले आंख फोड़ने का सिद्धांत पूरी दुनिया को अंधा बना देती है – महात्मा गांधी।” उन्होंने कहा “मैं स्तब्ध और शर्मिंदा हूं कि हमारा देश गाजा में युद्धविराम के लिए हुए मतदान में अनुपस्थित रहा। हमारे देश की स्थापना की बुनियाद अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों पर आधारित है और इन सिद्धांतों के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने बलिदान दिया था और हमारे संविधान का यही सिद्धान्त हमारी राष्ट्रीयता को भी परिभाषित करते हैं। ये भारत के नैतिक साहस का प्रतिनिधित्व करते हैं और इन्हीं को आधार बनाकर हमने विश्व समुदाय के सदस्य के रूप में उसके कार्यों का मार्गदर्शन किया है।”

मानवीय मूल्यों के खिलाफ खड़े होने से इनकार कर चुपचाप रहना गलत

कांग्रेस महासचिव ने कहा “जब मानवता के हर कानून को नष्ट कर दिया गया है, लाखों लोगों के लिए भोजन, पानी, चिकित्सा आपूर्ति, संचार और बिजली काट दी गई है और फलस्तीन में हजारों नर, नारियों और बच्चों को मारा जा रहा है तो मानवीय मूल्यों के खिलाफ खड़े होने से इनकार कर चुपचाप रहना गलत है क्योंकि एक राष्ट्र के रूप में हम हमेशा इन्हीं मूल्यों के लिए खड़े रहे हैं।”

गौरतलब है कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में इजराइल-हमास संघर्ष में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम के आह्वान के प्रस्ताव पर मतदान में अनुपस्थित रहा। इस प्रस्ताव में गाजा पट्टी में निर्बाध मानवीय पहुंच का भी आह्वान किया गया था।

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