नई दिल्ली, 18 मई। उच्चतम न्यायालय ने इंद्राणी मुखर्जी को उनकी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में बुधवार को जमानत दे दी। लगभग सात वर्षों से जेल में बंद मुख्य आरोपित इंद्राणी मुखर्जी की तरफ से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि आरोपित इंद्राणी धारा 437 के तहत विशेष छूट की हकदार हैं।
मुकुल रोहतगी ने आशंका जताई कि कि मुकदमे की सुनवाई जल्द पूरी होने वाली नहीं है क्योंकि इसमें बड़ी संख्या में गवाहों से जिरह की जानी बाकी है। इतना ही नहीं, पिछले 11 महीनों से सुनवाई आगे नहीं बढ़ पाई है।
पीठ ने कहा – मामले की सुनवाई जल्द पूरी होने की संभावना नहीं
न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई जल्द पूरी होने की संभावना नहीं है। पीठ ने कहा, ‘याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने अपनी बेटी के राहुल मुखर्जी के साथ प्रेम संबंध होने के कारण उसकी हत्या की साजिश रची। राहुल पीटर मुखर्जी और उनकी पूर्व पत्नी के बेटे हैं।’
तीन जजों की पीठ ने कहा, ‘हम याचिका के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। अगर अभियोजन पक्ष 50 प्रतिशत गवाह भी पेश कर देता है, तो भी मुकदमा जल्द खत्म नहीं होगा। निचली अदालत के संतुष्ट होने पर उन्हें जमानत पर रिहा किया जाएगा। पीटर मुखर्जी पर लागू की गईं शर्तें उन पर भी लागू होंगी।’
सीबीआई की विशेष अदालत कई बार खारिज कर चुकी है जमानत याचिका
गौरतलब है कि कि इंद्राणी मुखर्जी अगस्त, 2015 में गिरफ्तारी के बाद से मुंबई के भायखला महिला कारागार में बंद हैं। शीना बोरा हत्याकांड मामले की सुनवाई कर रही केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत कई बार इंद्राणी की जमानत याचिका खारिज कर चुकी है। यही नहीं इंद्राणी को बाम्बे हाईकोर्ट से भी जमानत नहीं मिल
अप्रैल, 2012 में हुई थी शीना की हत्या
गौरतलब है कि अप्रैल, 2012 में 24 वर्षीया शीना की कथित तौर पर नवी मुंबई के पास जंगलों में एक कार के अंदर गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी और शव को पड़ोसी रायगढ़ जिले में ठिकाने लगा दिया गया। वर्ष 2015 में हत्या का खुलासा होने के बाद मुंबई पुलिस ने इंद्राणी के अलावा उसके चालक श्यामवर राय और पूर्व पति संजीव खन्ना को भी गिरफ्तार किया था।