नई दिल्ली, 5 अगस्त। अशांत पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में जारी राष्ट्रपति शासन की अवधि और छह माह के लिए बढ़ा दी गई है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को राज्यसभा में इस निमित्त एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किया। अंततः भारी हंगामे के बीच सदन ने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में रखा प्रस्ताव
राज्यसभा में लाया गया यह प्रस्ताव 13 फरवरी, 2025 को राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत जारी अधिसूचना से जुड़ा है। इस अधिसूचना के तहत लागू राष्ट्रपति शासन की निरंतरता को जारी रखने के लिए यह प्रस्ताव था। अब मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को 13 अगस्त से अगले छह महीनों के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव स्वीकार किया गया है।
मणिपुर में राष्ट्रपति की अवधि बढ़ाने के राज्यसभा में लिए प्रस्ताव में कहा गया, ‘यह सदन मणिपुर राज्य के संबंध में राष्ट्रपति द्वारा 13 फरवरी, 2025 को संविधान के अनुच्छेद 356 के अंतर्गत जारी की गई उद्घोषणा की प्रभावशीलता को 13 अगस्त 2025 से आगे छह माह की अवधि के लिए बनाए रखने की स्वीकृति देता है।’
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा सदन में यह प्रस्ताव रखे जाने के उपरांत उप सभापति ने इस प्रस्ताव को चर्चा के लिए सदन के समक्ष रखा। हालांकि इस दौरान सदन में जबर्दस्त हंगामा होता रहा। विपक्षी सांसद बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के गहन रिव्यू (एसआईआर) पर चर्चा कराने की मांग कर रहे थे। विपक्ष का कहना था कि मतदाता सूची के गहन रिव्यू के जरिए कई लोगों को वोट के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सांसद संसद में नारे लगाते रहे। कांग्रेस समेत विपक्ष के अधिकतर सांसदों ने इस मुद्दे पर सदन में हंगामा किया। इसी हंगामे के बीच सदन में यह प्रस्ताव पारित व स्वीकार किया गया।
अशांत पूर्वोत्तर राज्य में 13 फरवरी से लागू है राष्ट्रपति शासन
गौरतलब है कि मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए फरवरी, 2025 में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। अब इस राष्ट्रपति शासन की अवधि समाप्त होने से पहले, इसे आगे बढ़ाने के लिए संसद की मंजूरी आवश्यक है। 13 फरवरी, 2025 को भारत के राष्ट्रपति ने अनुच्छेद 356 के तहत मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा की थी। संविधान के अनुसार राष्ट्रपति शासन की घोषणा के बाद यह राष्ट्रपति शासन छह माह तक वैध है। 13 अगस्त, 2025 को इसकी अवधि समाप्त हो रही है।
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में पिछले कुछ वर्षों से जातीय संघर्ष, कानून-व्यवस्था की समस्याएं और राजनीतिक अस्थिरता चल रही है। इन्हीं कारणों को देखते हुए मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया गया है। राज्यसभा में यह प्रस्ताव स्वीकार होने के उपरांत भी हंगामा जारी रहा, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

