नई दिल्ली, 7 जून। निर्वाचन आयोग जल्द ही राष्ट्रपति चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है। संविधान के अनुच्छेद 62 का संदर्भ देते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है और अगले राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए चुनाव उससे पहले संपन्न होना चाहिए। वर्ष 2017 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 17 जुलाई को हुआ था और मतगणना 20 जुलाई को हुई थी।
मनोनीत सदस्यों को राष्ट्रपति चुनाव में मताधिकार नहीं
राष्ट्रपति चुनाव में संसद के दोनों सदनों के सदस्यों के अलावा सभी राज्य की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और संघशासित प्रदेश पुडुचेरी की विधानसभा के सदस्य वोट डाल सकते हैं। हालांकि राज्यसभा, लोकसभा या विधानसभाओं के मनोनीत सदस्यों को राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने का अधिकार नहीं है। ऐसे ही, राज्यों की विधान परिषदों के सदस्यों को भी राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने का अधिकार नहीं है।
प्रवासी मतदाताओं के मुद्दों पर गौर करने के लिए एक समिति गठित की जाएगी
निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को कहा कि प्रवासी मतदाताओं के मुद्दों पर गौर करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। राजनीतिक दलों और मतदाताओं सहित सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद दूरस्थ मतदान की संभावनाएं तलाशना शामिल है। इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में मतदान को लेकर उदासीनता को दूर करने के लिए, केंद्र और राज्य सरकार के सभी विभागों, केंद्र और राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों और 500 से अधिक कर्मचारियों वाली कॉरपोरेट संस्थाओं को ‘अवकाश लेने वाले लेकिन गैर-मतदान कर्मचारियों’ का पता लगाने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए कहा जाएगा।
कुछ महानगरों व शहरी क्षेत्रों में कम मतदान होने को लेकर निर्वाचन आयोग चिंतित
निर्वाचन आयोग ने कहा कि इन संगठनों के ऐसे गैर-मतदान सदस्यों के लिए विशेष मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी जागरूकता सत्र आयोजित किए जाएंगे। निर्वाचन आयोग की एक बैठक में शहरी क्षेत्रों में किसी भी मतदाता के लिए दो किलोमीटर के भीतर मतदान केंद्र स्थापित किए जाने के बावजूद कुछ महानगरों / शहर क्षेत्रों में कम मतदान होने को लेकर चिंता व्यक्त की गई।