वाशिंगटन, 25 अक्टूबर। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ का असर अब बड़े पैमाने पर दिखने लगा है। अमेरिका में आयातित होने वाली कुछ चीजों की कीमतों में तेजी आने से सितंबर में भी खुदरा मुद्रास्फीति ऊंचे स्तर पर बनी रही। अमेरिकी श्रम विभाग ने शुक्रवार को मुद्रास्फीति का मासिक आंकड़े जारी किए। आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ता कीमतों में सितंबर में एक साल पहले की तुलना में बढ़कर 3 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि इसी साल अगस्त में उपभोक्ता कीमतें 2.9 प्रतिशत थी। खाद्य और ऊर्जा श्रेणियों में उतार-चढ़ाव से इतर, मुख्य मुद्रास्फीति 3 प्रतिशत रही जो अगस्त महीने के 3.1 प्रतिशत से कम है।
- फेडरल रिजर्व के 2 प्रतिशत के लक्ष्य से काफी ऊपर है महंगाई दर
ये दोनों आंकड़े अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के 2 प्रतिशत मुद्रास्फीति के लक्ष्य से काफी ऊपर हैं। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े वित्तीय प्रावधान न होने से सरकारी कामकाज ठप पड़ने (शटडाउन) के कारण एक हफ्ते से ज्यादा देरी से जारी किए गए हैं। ट्रंप प्रशासन ने ये आंकड़े तैयार करने के लिए श्रम विभाग के कुछ कर्मचारियों को वापस बुलाया। ये आंकड़े कई अर्थशास्त्रियों के अनुमान से कम हैं और ऐसे में फेडरल रिजर्व अगले हफ्ते होने वाली मीटिंग में इस साल दूसरी बार अपनी प्रमुख ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।
- अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने सितंबर में घटाई थीं ब्याज दरें
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने पिछले ही महीने ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी, जो पिछले साल दिसंबर के बाद पहली कटौती थी। फेडरल रिजर्व ने अमेरिका में बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई को ध्यान में रखते हुए प्रमुख ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट्स यानी 0.25 प्रतिशत की कटौती का ऐलान किया था। बताते चलें कि अमेरिका में नियुक्तियां कमजोर हो रही हैं। अगस्त में अमेरिका में सिर्फ 22,000 नौकरियां ही बढ़ीं। मुद्रास्फीति की ये ताजा रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब कई सर् से पता चला है कि ज्यादातर अमेरिकी मानते हैं कि पिछले साल की तुलना में उनकी मासिक लागत बढ़कर $100 से $749 के बीच हो गई है।

