मॉस्को, 28 दिसम्बर। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना सच्चा दोस्त करार देते हुए कहा कि यदि वह निकट भविष्य में रूस का दौरा करते हैं तो उन्हें बहुत खुशी होगी। राजधानी मास्को में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के साथ बुधवार को हुई मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लिए और भी सार्थक कमद उठाने की बात कही।
Honoured to call on President Vladimir Putin this evening. Conveyed the warm greetings of PM @narendramodi and handed over a personal message.
Apprised President Putin of my discussions with Ministers Manturov and Lavrov. Appreciated his guidance on the further developments of… pic.twitter.com/iuC944fYHq
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) December 27, 2023
‘हमें अपने अनन्य मित्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस में देखकर खुशी होगी‘
राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को अगले वर्ष रूस की यात्रा के लिए आमंत्रित करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ लंबी बातचीत की। उन्होंने जयशंकर से कहा, ‘हमें अपने अनन्य मित्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस में देखकर खुशी होगी। हम चाहते हैं कि वह जल्द ही रूस दौरे की योजना बनाएं।’
जयशंक ने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोस से भी मुलाकात की
रूस की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर मॉस्को पहुंचे जयशंकर ने राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात से पहले अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से भी मुलाकात की। बातचीत के बाद लावरोव के साथ संयुक्त मीडिया उपस्थिति के दौरान जयशंकर ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन अगले साल वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए मिलेंगे। इससे पहले अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में जयशंकर ने कहा कि दोनों नेता लगातार संपर्क में रहे हैं।
A wide ranging and useful meeting with FM Sergey Lavrov of Russia.
As strategic partners, discussed the international situation and contemporary issues. Exchanged views on Indo-Pacific, the Ukraine conflict, the Gaza situation , Afghanistan and Central Asia, BRICS, SCO, G20 and… pic.twitter.com/Uk9VTbZm5y
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) December 27, 2023
पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच शिखर सम्मेलन दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक साझेदारी में सर्वोच्च संस्थागत संवाद तंत्र है। अब तक भारत और रूस में बारी-बारी से 21 वार्षिक शिखर सम्मेलन हो चुके हैं। पिछला शिखर सम्मेलन दिसम्बर 2021 में नई दिल्ली में हुआ था।
पुतिन ने विदेश मंत्री के साथ मुलाकात में यह भी कहा कि रूस और भारत के बीच व्यापार कारोबार बढ़ रहा है, खासकर कच्चे तेल और उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के कारण इस क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है। उन्होंने कहा, ‘हमारा व्यापार कारोबार लगातार दूसरे साल एक ही समय पर और स्थिर गति से बढ़ रहा है। इस साल विकास दर पिछले साल से भी अधिक है।’
गौरतलब है कि बीते मंगलवार को विदेश मंत्री जयशंकर ने द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग पर उपप्रधान मंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ एक ‘व्यापक और सार्थक’ बैठक की। उस दौरान उन्होंने तमिलनाडु के परमाणु ऊर्जा संयंत्र कुडनकुलम की आगामी बिजली उत्पादन इकाइयों के निर्माण के संबंध में कुछ अति महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए।
यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण के बावजूद भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत बने रहे हैं। भारत ने अब तक यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा नहीं की है और वह कहता रहा है कि संकट को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण कई पश्चिमी देशों में बेचैनी बढ़ी। बावजूद इसके भारत का रूसी कच्चे तेल का आयात काफी बढ़ा है।