नई दिल्ली, 20 जून। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने 66वें जन्मदिन के अवसर पर गुरुवार को कहा कि किसी देश या समाज के लोगों द्वारा दिव्यांगजनों के प्रति दिखाई गई संवेदनशीलता ही उस देश या समाज की प्रगति को दर्शाती है।
राष्ट्रपति ने आज राष्ट्रीय राजधानी में शारीरिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय संस्थान का दौरा किया, जहां उन्होंने दिव्यांग बच्चों और छात्रों के साथ समय व्यतीत किया और उनके द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखा। उन्होंने पुनर्निर्मित प्रोस्थेसिस और ऑर्थोसिस सेंटर का भी दौरा किया और रोगियों से बातचीत की।
President Droupadi Murmu visited Pandit Deendayal Upadhyaya National Institute for Persons with Physical Disabilities in New Delhi. During her interaction with staff members, divyang children and their parents, she appreciated the tireless efforts of the institute for the… pic.twitter.com/eRAopiCTtG
— President of India (@rashtrapatibhvn) June 20, 2024
समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘संवेदनशीलता और समावेशिता हमारी संस्कृति और सभ्यता का अभिन्न अंग रहे हैं। जब हमारे प्रयास दिव्यांगजनों की जरूरतों के प्रति समावेशी और संवेदनशील हों तो कोई भी शारीरिक स्थिति सामान्य जीवन जीने में बाधा नहीं बन सकती।’ उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि दिव्यांगजन अपने कौशल और प्रतिभा से हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने दीपा मलिक, अरुणिमा सिन्हा और अवनी लेखरा जैसे खिलाड़ियों और के.एस. राजन्ना जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे सभी लोग इस बात के उदाहरण हैं कि समर्पण और दृढ़ संकल्प के साथ, कोई भी व्यक्ति हर तरह की शारीरिक सीमाओं को पार कर सकता है।
राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शारीरिक दिव्यांग व्यक्ति संस्थान पिछले कई दशकों से विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण के लिए काम कर रहा है। उन्होंने दिव्यांगजनों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में काम करने के लिए संस्थान से जुड़े सभी लोगों की सराहना की।