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समानता मानव अधिकार की आत्मा और अधिकार हमारी साझी जिम्मेदारियां : राष्ट्रपति कोविंद

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नई दिल्ली, 10 दिसंबर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि देश में कोविडरोधी टीके लगाकर कई लोगों की जान बचाई गई है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी ने समाज के कमजोर लोगों पर विनाशकारी प्रभाव डाला है।

राष्ट्रपति कोविंद ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की ओर से आयोजित 73वें मानवाधिकार दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी अभी खत्म नहीं हुई है।

उन्होंने विश्‍व का सबसे बडा टीकाकरण अभियान चलाने के लिए देश की सराहना की और महामारी के दौरान डॉक्टरों, वैज्ञानिकों एवं कोरोना योद्धाओं के प्रयासों के लिए उनकी प्रशंसा की।

रामनाथ कोविंद ने कहा कि समानता मानवाधिकारों की आत्मा है और अधिकार हमारी साझी जिम्मेदारियां हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने महामारी के दौरान कई परामर्श जारी किए और चिकित्‍सा संबंधी तैयारियों को मजबूत करने के लिए सभी हितधारकों के साथ काम किया।

भारत ने प्रकृति की सुरक्षा के लिए की है दूरगामी पहल

राष्ट्रपति ने जलवायु न्याय पर जोर देते हुए कहा कि प्रकृति का क्षरण अपरिवर्तनीय है, लेकिन दुनिया वैश्विक जलवायु में हानिकारक परिवर्तन देख रही है। उन्होंने कहा कि भारत ने प्रकृति की सुरक्षा के लिए कई पहल की है, जो बहुत आगे तक जाएगी। उन्होंने कहा कि सौर गठबंधन और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने की विभिन्न पहलों से प्रकृति की रक्षा करने में मदद मिलेगी।